Ganesh Ji ki Aarti PDF | हिन्दू धर्म में भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय देवता माने जाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार कोई भी धार्मिक या फिर कोई भी मांगलिक अनुष्ठान शुरू करने से पहले भगवान गणेशजी की पूजा की जाती हैं ताकि शुभ कार्य में किसी तरह का बाधा नही आएं. मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ करता है तो गणेशजी उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. भगवान गणेश जी को मोदक, दूर्वा, पान और सिंदूर अति ही प्रिय हैं.
आइए पढ़ते हैं श्री गणेश आरती और आप इसे PDF के रूप में डाउनलोड भी कर सकते हैं और अपने मोबाइल या लैपटॉप में रख सकते हैं और नियमित तौर पर इसे पढ़ सकते हैं लिंक नीचे दिया हुआ है वहां से आप उसे जरूर डाउनलोड कर ले.
Ganesh Ji ki Aarti PDF Download | श्री गणेश जी – आरती
श्री गणेश आरती (Ganesh Aarti – PDF Download) हिंदी PDF डाउनलोड करें, नीचे लिंक दिया हुआ है.
Ganesh Aarti Lyrics in Hindi
“श्री गणेश जी आरती “
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, औ र चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥
गणेश जी को आरती में लगाएं ये भोग:
श्री गणेश जी को आरती में भोग जरूर लगाएं. गणपति को मोदक सबसे प्रिय माने जाते हैं. इसके अलावा मोतीचूर का लड्डू, नारियल वाले चावल, पूरण पोली, केले का शीरा, हलवा आदि का भोग भी लगा सकते हैं.
PDF Name | Ganesh Aarti PDF |
No. of Pages | 08 |
Page Content | पूजा विधि, श्री गणेश चालीसा, श्री गणेश आरती |
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