Govardhan Puja 2024 | गोवर्धन पूजा हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जोकि कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन मनाई जाती हैं और यह पांच दिवसीय दीवाली त्यौहार के चौथे दिन यानि कि दीवाली के दूसरे दिन को मनाया जाता हैं. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता हैं. इस पावन दिन भगवान श्रीकृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का बहुत महत्व होता है गोवर्धन पूजा के दिन लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करके परिक्रमा करते हैं इसके अलावा इस दिन गायों की सेवा का भी विशेष महत्व होता है. और इस दिन गाय बैल को स्नान कराके चंदन का टीका लगाकर फूल माला पहनाकर उसका पूजन किया जाता है गोवर्धन पूजा के दिन गौ माता को मिठाई खिलाकर उसकी आरती उतारी जाती है इसके साथ ही प्रदक्षिणा भी दी जाती है ऐसी मान्यता है कि गाय में तैतीस (33) कोटि देवी देवताओं का वास होता है.
Govardhan Puja 2024 | गोवर्धन पूजा 2024 की शुभ मुहूर्त :
पंचाग के अनुसार गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती हैं और कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होगी 01 नवंबर 2024 दिन शुक्रवार की शाम 06 बजकर 16 मिनट से लेकर 02 नवंबर 2024 दिन शनिवार की रात्रि के 08 बजकर 21 मिनट तक.
सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है इसीलिए गोवर्धन पूजा 02 नवंबर 2024 दिन शनिवार को मनाई जाएगी.
गोवर्धन पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त :
सुबह का पूजा मुहूर्त : 02 नवंबर 2024 दिन शनिवार की सुबह 06 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह के 08 बजकर 33 मिनट तक (बहुत शुभ मुहूर्त).
घृत क्रीड़ा का मुहूर्त : 02 नवंबर 2024 शनिवार की शाम 03 बजे से लेकर 05 बजे तक.
Govardhan Puja Ki Puja Vidhi | गोवर्धन पूजा की पूजा विधि :
1) गोवर्धन पूजा सुबह या फिर शाम के मुहूर्त में किया जाता हैं.
2) सबसे पहले गोबर से घर के आंगन में गोवर्धन भगवान का चित्र या मूर्ति बनाएं.
3) इसके पश्चात रोली, कुमकुम, अक्षत, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर और पुष्प को गोवर्धन भगवान को अर्पित करके घी का दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें.
4) इस दिन गाय, बैल और खेत में उपयोग होने वाले जानवरों की पूजा किया जाता हैं.
5) इस दिन भगवान को छप्पन (56) भोग या फिर एक सौ आठ (108) प्रकार के भोग तैयार किया जाता हैं और इन भोगों को भगवान गोवर्धन को प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता हैं.
6) पूजा के बाद भक्ति गीत गाते हैं और फिर गोवर्धन भगवान की मूर्ति की परिक्रमा किया जाता हैं.
7) अब अंत में भगवान गोवर्धन की आरती करके भक्तों को प्रसाद बांटा जाता है धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से विधिवत गोवर्धन भगवान की पूजा करने से वर्ष भर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती हैं.
Govardhan Puja Ke Mahatv | गोवर्धन पूजा के महत्व :
गोवर्धन पूजा भगवान श्री कृष्ण को समर्पित एक त्यौहार है साथ ही यह प्रकृति का गुणगान करने और उसका सम्मान को जिक्र करने का भी हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र का अभियान को तोड़कर अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की जान बचाई और साथ ही मनुष्य को प्रकृति की सेवा और पूजा करने का संदेश भी दिया तब से ही लोगों ने बहुत उत्साह के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा की शुरुआत किया और भगवान श्री कृष्ण को “गोवर्धनधारी” और “गिरधारधारी” नाम भी दिया. कहा जाता है कि गोवर्धन पूजा में गोवर्धन पहाड़ी और भगवान श्री कृष्ण की पसंदीदा गायों की पूजा करने से भक्तों को भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद और कृपा मिलती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) पंचाग के अनुसार गोवर्धन पूजा कब मनाया जाता हैं ?
कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को.
2) गोवर्धन पूजा में किसकी पूजा की जाती हैं ?
भगवान श्रीकृष्ण, भगवान गोवर्धन और गौमाता.
3) भगवान श्रीकृष्ण ने किसके घमंड को तोड़ा था ?
इंद्रदेव.
4) साल 2024 में गोवर्धन पूजा कब मनाई जाएगी ?
02 नवंबर 2024 दिन शनिवार.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.