Rangoli in Diwali | चौंसठ कलाओं में एक चित्रकला का एक अंग है अल्पना जिसे मांडना भी कहा जाता हैं और इसी का एक रूप है रंगोली. रंगोली दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका पहला शब्द रंग और दूसरा अवल्ली जिसका शाब्दिक अर्थ है रंगों की एक पंक्ति होता है. दीवाली में घर को सुंदर और खूबसूरत बनाने के लिए फूल और रोशनी से सजातें है लेकिन इन्हीं में से एक ऐसी चीज है जिसके बिना दीवाली का त्यौहार अधूरा माना जाता है और वो है रंगोली बनाना. रंगोली बनाने की परंपरा कई सालों से चलती आ रही हैं चाहें कोई भी मांगलिक कार्य हो या फिर शुभ कार्य हो और हर एक पर्व में रंगोली बनाना बहुत शुभ माना जाता है.
Importance of making Rangoli in Diwali | दीवाली में रंगोली बनाने के महत्व को :
हिन्दू धर्म ग्रथों के अनुसार रंगोली को कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले बनाने से वहां पर सकारात्मक ऊर्जा पैदा होने के साथ ही अगर उस स्थान पर कोई भी नकारात्मक ऊर्जा हो तो उसका भी नाश हो जाता हैं. देवी देवताओं के स्वागत के लिए और खासकर माता लक्ष्मी को घर में प्रवेश के लिए मुख्य द्वार पर रंगोली बनाना शुभ माना जाता हैं. मान्यता है कि रंगोली बनाने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा ज्यादा पैदा होने से वह तनाव मुक्त हो जाता हैं.
धनतेरस के दिन से लेकर दीवाली तक नियमित रूप से स्नान करने के बाद घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर माता लक्ष्मी के चरणों को बनाना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि यह शुभ होता है और ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती हैं. रंगोली (Diwali mein Rangoli) को बनाने में कई प्रकार के रंगों और फूलों का इस्तेमाल किया जाता हैं जिससे घर के आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार अधिक होने से घर में रहने वाले व्यक्तियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव का अच्छा असर पड़ता हैं.
रंगोली खासतौर पर होली, दीवाली, नवदुर्गा उत्सव और महाशिवरात्रि पर्व के उपलब्ध पर बनाई जाती हैं. रंगोली को श्री और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि जिसके घर मे सुंदर रंगोली (Rangoli Designs) बने होते हैं वहां लक्ष्मी वास करती है. सारे देवी देवता घर में बने रंगोली देखकर प्रसन्न होते हैं और घर की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं कहा जाता हैं कि रंगोली को पूजा घर और मुख्य द्वार पर बनाने से दैवीय शक्तियां आकर्षित होने के साथ ही घर से बुरी आत्माओं और दोषों को दूर करती हैं.
Who made Rangoli first? आइए जानते हैं कि सबसे पहले रंगोली किसने बनाई थी :
मान्यता है कि सबसे पहले ब्रह्माजी ने रंगोली बनाई थी उन्होंने एक आम के वृक्ष का रस निकालकर एक स्त्री की आकृति धरती पर बनाई थी जो बहुत सुंदर स्त्री की आकृति थी बाद में वहीं उर्वशी बनी. एक और अन्य कथानुसार एक बार राजा चित्रलक्षण के दरबार के पुरोहित के बेटे का एकाएक मृत्यु हो गया जिससे पुरोहित को बहुत दुख होता था और पुरोहित के इसी दुख को कम करने के लिए राजा ने भगवान ब्रह्माजी से प्रार्थना किया तब ब्रह्माजी प्रकट होकर राजा से दीवार पर उनके बेटे का चित्र बनाने को कहा जिनकी मृत्यु हुई थी. ब्रह्माजी के बात को सुनकर राजा के द्वारा तुरंत ही एक चित्र बनाया गया और देखते ही देखते उस चित्र से ही राजदरबार के पुरोहित के मरे बेटे का पुनः जन्म हुआ.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
रंगोली का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?
रंगों की एक पंक्ति
रंगोली बनाने से व्यक्ति के अंदर कौन सी ऊर्जा पैदा होती हैं ?
सकारात्मक ऊर्जा.
रंगोली को सबसे पहले किसने बनाया है?
भगवान ब्रह्माजी
रंगोली किसका प्रतीक हैं ?
श्री और समृद्धि.
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