Vastu Dosh | वास्तु शास्त्र दो प्रकार की ऊर्जा यानी कि सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित है. जहां सकारात्मक ऊर्जा जीवन में खुशियां लाती है तो वहीं नकारात्मक ऊर्जा से जीवन कठिनाइयों से घिर जाता है. हर कोई चाहता है कि उसके घर में सुख समृद्धि हो इसके लिए घर में सकारात्मक ऊर्जा का होना बहुत आवश्यक है. वास्तु के अनुसार घर में नकारात्मकता होने से वास्तु दोष होता है तो कभी कभी घर में होने वाली अकल्पनीय घटनाएं वास्तु दोष का कारण भी होती है जिसका सबसे बड़ा असर कमाई पर पड़ता है और घर के लोगों का ध्यान व्यापार व नौकरी में नहीं लग पाता जिसके कारण से घर की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ जाती है यानी कि गृह क्लेश भी एक तरह से नकारात्मक ऊर्जा है और अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा आ जाए तो इसका असर घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन पर पड़ने लगे जाता है.
What is Vastu Dosh | आइए पहले जान लेते कि वास्तु दोष क्या होता है :
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर बनवाने में कुछ नियम जुड़े होते हैं जिसका पालन करते हुए घर बनाना चाहिए और इन नियमों से सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा भी जुड़ी होती है. अगर घर बनवाते समय किसी भी दिशा का ध्यान नहीं रखा जाए तो आगे जाकर घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा की और मुख्य द्वार का होना शुभ नहीं माना जाता है तो वहीं पूर्व दिशा में टॉयलेट को नहीं बनवाना चाहिए, पूर्व दिशा में घर का मुख्य द्वार होना शुभ माना जाता हैं अर्थात शुभ और अशुभ होने के पीछे वास्तु की दिशाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि हर दिशा का अपना स्वामी होता है.
Sign of Vastu Dosh | जानिए घर में मौजूद वास्तु दोष के संकेत और उनके उपाय (Upay) :
आईए जानते हैं उन संकेतों को जिनसे हमें मालूम चल पाता है कि हमारे घर के अंदर मौजूद है वास्तु दोष और जिनकी वजह से हमारे बनते बनते काम भी कई बार नहीं बनते हैं. कई बार आता हुआ पैसा भी अटक जाता है. जानेंगे सभी संकेत को और साथ में जानेंगे उनके उपाय (Upay) को जिसे करने से आप इन सभी वास्तु दोष से मुक्त हो सकते है.
1) अचानक तुलसी पौधे का सुख जाना :
मौसम के बदलाव के कारण या फिर मिट्टी में कोई समस्या हो तो तुलसी सूख जाती है लेकिन अगर ऐसे ही अचानक से हरी भरी तुलसी का पौधा सूख जाए तो जान लीजिए कि घर में नकारात्मक ऊर्जा बहुत अधिक बढ़ गई है और इसके साथ ही आने वाले समय में आर्थिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.
उपाय :
अगर घर की तुलसी अचानक से सूख गई हो तो उसे पौधे को उखाड़ कर उसकी जगह नया तुलसी का पौधा लगा दें और उसके साथ हीउस सूखे हुए पौधे को बहते हुए जल में प्रभावित कर दें.
2) बने बनाए काम का बिगड़ना :
अगर बने बनाए काम अचानक से बिगड़ जाए या फिर सफलता मिलते-मिलते रह जाए तो समझ लीजिए कि यह भी वास्तु दोष का संकेत हो सकता है काम में बार-बार आ रही रुकावट घर के मध्य भाग में वास्तु दोष होने का संकेत देती है.
उपाय :
घर का मध्य भाग ब्रह्म स्थान होता है इसलिए घर के मध्य भाग में किसी भी तरह का कोई वजनी वस्तु को नहीं रखना चाहिए और ना ही इस जगह पर भूलकर भी शौचालय बनवाना चाहिए.
3) सेहत संबंधी समस्या :
अगर परिवार में सदस्यों को अक्सर ही स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है यानी कि घर का एक सदस्य ठीक होते ही दूसरा सदस्य बीमार पड़ जाए तो समझ लीजिए कि घर में मौजूद वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा के कारण कोई ना कोई सदस्य बीमार हो रहा है.
उपाय :
घर की दक्षिण पूर्व दिशा में रखी गई चीजों के कारण कई बार बहुत नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगती है इसलिए इस दिशा को हमेशा खाली रखने के साथ-साथ ही इस दिशा में कभी भी भारी चीज नहीं रखें.
4) बार बार कांच का टूटना :
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मौजूद कांच बार-बार टूट रहा हो तो इसका अर्थ है कि घर में वास्तु दोष है. घर में बार-बार कांच टूटने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ने लगता है औरऐसे में कोई बड़ी संकट संकट आने का संकेत देती है तो ऐसे में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है या फिर घर के परिवार के सदस्यों के बीच अनबन भी बढ़ सकती हैं.
उपाय :
घर में जब बार-बार कांच टूटे तो टूटे हुए कांच को तुरंत ही घर से हटा देना चाहिए.
5) गृह क्लेश :
घर में वास्तु दोष का सबसे बड़ा संकेत गृह क्लेश होता है. घर के सदस्य के बीच अचानक से तनाव बढ़ने लगे आपसी मनमुटाव और सदस्य के बीच लड़ाई झगड़ा होने लगे तो इसका कारण घर में मौजूद वास्तु दोष हो सकता है क्योंकि घर में मनमुटाव होने का मुख्य कारण आग्नेय कोण का दोषपूर्ण होना.
उपाय :
पानी से जुड़े स्रोत को आग्नेय कोण में नहीं रखना चाहिए लेकिन इस दिशा में किचन का होना बहुत शुभ माना गया है. अगर इस दिशा में उचित फल की प्राप्ति ना हो रही हो तो हमेशा इस दिशा में घी का दीपक को जलाना चाहिए और उसके साथ ही इस कोणमें नवग्रह का हवन भी अवश्य करना चाहिए.
6) संतान प्राप्ति में कठिनाई :
नवदंपति को कई सालों के बाद भी संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो यह घर के पूर्व दिशा में वास्तु दोष होने का संकेत देती है क्योंकि पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य देव हैं और इस दिशा में टॉयलेट बाथरूम या फिर घर के सामने कोई बड़ा वृक्ष होने पर वास्तु दोष लगता है.
उपाय :
अगर घर में ऐसा वस्तु दोष है तो घर के मुख्य दरवाजे पर हमेशा सिंदूर और गाय के घी से तिलक करें और ॐ लिखें.
7) बार बार सोना का खोना :
वास्तु शास्त्र के अनुसार सोना का खोना बहुत ही अशुभ माना गया है इसलिए अगर बार-बार सोना खो रहा हो तो थोड़ा सतर्क हो जाए क्योंकि यह आर्थिक नुकसान होने का संकेत देती है.
उपाय :
बार-बार सोना खोने पर अपने घर में माता लक्ष्मी की नियमित रूप से पूजा करते रहे हैं और इसके साथ ही दुर्गा कवच का भी पाठ करें.
8) फिजूल खर्च में बढ़ोतरी :
आमदनी से अधिक खर्च होने लगे और फिजूलखर्चे में बढ़ोतरी होने लगे तो समझ जाइए कि इसका कारण घर में मौजूद वास्तु दोष है और वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के उत्तर दिशा में गंदगी होने से फिजूल खर्च बढ़ने लगती है.
उपाय :
इस तरह की समस्या होने पर वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा को शुभ बनाना चाहिए और इसके लिए उसे दिशा में श्री यंत्र की स्थापना करना चाहिए इसके अलावा घर के सामने हरी बेलदार पत्तियां वाले पौधे भी लगानी चाहिए.
9) हमेशा उदासीन रहना :
ईशान कोण में किसी प्रकार का वास्तु दोष होने पर घर का सदस्य हमेशा उदासीन और परेशान रहता है. ईशान कोण के ग्रह बृहस्पति देव और इस दिशा के देवता भगवान विष्णु हैं.
उपाय :
ईशान कोण वाले घर में हमेशा पूजा पाठ करवाते रहना चाहिए और उसके साथ ही घर के मुख्य द्वार को सुंदर और दोष रहित रखना चाहिए क्योंकि ऐसे घर में रहने वाले लोगों को आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है और यह दिशा ज्ञान मान सम्मान और तेज प्रदान करती है.
उम्मीद है कि आपको वास्तु दोष से जुड़ा यह लेख पसंद आया होगा तो इसे अपने परिजनों और दोस्तों के बीच अधिक से अधिक शेयर करें और ऐसे ही वास्तु शास्त्र से जुड़े लेख को पढ़ने के लिए जुड़े रहे madhuramhimdi.com के साथ.
FAQ – सामान्य प्रश्न
ईशान कोण के देवता कौन हैं ?
भगवान विष्णु.
घर का मध्य भाग किसका है ?
ब्रह्म
वास्तु शास्त्र किन दो ऊर्जा पर आधारित होता है ?
सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा.
टॉयलेट किस दिशा में नहीं बनवानी चाहिए ?
पूर्व दिशा.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.