Ganesh Chaturthi | पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर जहां एक तरफ बहुत ही हर्षोल्लास से घर घर गणेशजी विराजते हैं और विधि विधान के साथ दस (10) दिनों तक पूजा अर्चना के साथ गणेशोत्सव का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है तो वहीं माना जाता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए क्योंकि पौराणिक मान्यतानुसार गणेश चतुर्थी के दिन चांद के दर्शन करने पर व्यक्ति कलंक लगता है. श्रीमद्भागवत के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखने पर झूठा कलंक लगा था और इस कलंक से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने गणेश चतुर्थी का विधिवत व्रत करके इससे छुटकारा पाया था.
Ganesh Chaturthi | गणेश चतुर्थी पर चांद के दर्शन क्यों नहीं करने चाहिए
पौराणिक कथानुसार जब भगवान गणेश को गज (हाथी) का मुख लगाया गया तो वे गजानन कहलाए इसके साथ ही वे माता पिता के रूप में पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा किए जिसके कारण गणेशजी प्रथम पूज्यनीय हुए. एक बार गणेश जी यात्रा कर रहे थे कि तभी उनको रास्ते में चंद्रमा मिलें जिनको अपने सुंदर रूप पर बड़ा ही घमंड था. गणेशजी को जब छोटे चूहे पर सवार होकर आड़ी टेड़ी चाल से चलते हुए देखा तो उनकी हंसी निकल गई और अपने सुंदरता के घमंड में वे भगवान गणेशजी की विशेष आकृति का उपहास करने लगे तब क्रोध में आकर भगवान गणेश ने उनको काले होने और उनका रूप रंग खत्म होने का श्राप दे डाला.
चंद्रमा के शापित होने से चारों लोक में हाहाकार मचने लगा और चंद्रमा को भी अपनी गलती का अहसास हुआ जिससे कि वे स्वयं बहुत दुखी हुए और उन्होंने फौरन गणेशजी से क्षमा मांगी और इस श्राप से मुक्ति का उपाय पूछा तब भगवान गणेश ने कहा कि जैसे जैसे सूर्यदेव का प्रकाश तुम पर पड़ेगा वैसे वैसे तुम्हारा तेज स्वरूप लौट आएगा इसके साथ ही उन्होंने चंद्रमा को श्राप से मुक्त होने के लिए पूरी भक्ति और श्रद्धाभाव के साथ गणेश चतुर्थी का व्रत रखने को भी कहा. इस तरह से चंद्रमा पहले व्यक्ति थे जिन्होंने गणेश चतुर्थी का व्रत रखा था.
भगवान श्री गणेश के श्राप के कारण ही चतुर्थी का यह चंद्र शापित हैं किंतु अन्य दूसरे चतुर्थी पर चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाता हैं लेकिन इस चतुर्थी पर भूलकर भी चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए कहा जाता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के चंद्रमा को देखने के कारण से श्री कृष्ण पर चोरी का कलंक लगा था. मान्यता है कि अगर गलती से गणेश चतुर्थी पर चंद्रदेव के दर्शन हो जाए तो घबराएं नहीं बल्कि इस दोष को दूर करने के लिए सबसे पहले सारे विध्न बाधा को दूर करने वाले भगवान गणेश को फल फूल और मिठाई को चढ़ाकर पूजा करें और उसे चंद्रमा को दिखाते हुए किसी जरूरतमंद को दान कर दें.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) किस गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखना नही चाहिए ?
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को.
2) चंद्रमा को किसने श्राप दिया था ?
भगवान गणेश ने.
3) किस भगवान पर इस तिथि पर चंद्रमा को देखने पर कलंक लगा था ?
भगवान श्रीकृष्ण.
4) सबसे पहले किसने गणेश चतुर्थी का व्रत रखा था ?
चंद्रमा.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.