Puja Deepak | हिन्दू धर्म में पूजा के समय दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है. कोई भी शुभ कार्य चाहे वह पूजा पाठ हो, सांस्कृतिक उत्सव हो या फिर कोई भी त्यौहार क्यों न हो सभी को शुरुआत दीपक को जलाने से ही होती हैं. धार्मिक मान्यता हैं कि अग्निदेव की मौजूदगी को साक्षी मानकर किए जाने वाले कार्य में सफलता अवश्य मिलती हैं. किसी विशेष पूजा में अखंड दीपक जलाया जाता है तो सुबह शाम की रोजाना पूजा में भी दीपक जलाएं जाते हैं कहा जाता हैं कि कुछ देवी देवताओं के लिए विशेष तरह के दीपक जलाएं जाते हैं क्योंकि दीपक में लगाई जाने वाली बत्तियों का देवी देवताओं से संबंध होता है.
Puja Deepak | किस देवी देवता के लिए दीपक में कितनी बत्ती लगाएं :
1) एक मुखी दीपक :
इष्ट देवता के पूजा के लिए एक मुखी दीपक जिसमें एक बत्ती का उपयोग किया जाता हैं. इस दीपक में गाय का घी या फिर तिल का तेल का प्रयोग किया जाता है आरती के लिए भी इस मुखी दीपक को भी जलाया जाता हैं.
2) दो मुखी दीपक :
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दो बत्ती वाले दो मुखी दीपक का प्रयोग किया जाता हैं.कहा जाता हैं कि शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए माँ सरस्वती के समक्ष दो बत्ती वाले दीपक जलाना चाहिए.
3) तीन मुखी दीपक :
विध्नहर्ता भगवान गणेश की प्रसन्नता के लिए उनकी पूजा में तीन बत्ती वाले दीपक को जलाना चाहिए.
4) चौमुखी दीपक :
चार बत्ती वाले दीपक का प्रयोग बाबा काल भैरव की पूजा में किया जाता हैं लेकिन इसमें सरसों तेल डालना चाहिए मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन के सारे कष्टों से मुक्ति मिलती हैं.
5) पंचमुखी दीपक :
भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा में पांच बत्ती वाले दीपक का प्रयोग किया जाता है माना जाता है कि इससे कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं जिससे कि कोर्ट केस में जीत मिलती और शत्रु पराजित होते हैं.
6) सात मुखी दीपक :
वैभव, संपदा और धन की देवी माँ लक्ष्मी को प्रसन्नता के लिए सात बत्तियों वाले घी का दीपक जलाएं ऐसी मान्यता है कि माँ लक्ष्मी की पूजा में सात मुखी दीपक जलाने से घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती हैं.
7) आठ मुखी या बारह मुखी दीपक :
देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए आठ बत्ती या फिर बारह बत्ती वाले दीपक का प्रयोग करना चाहिए कहा जाता हैं यह बहुत लाभकारी होने के साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
8) सोलह मुखी दीपक :
जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा में सोलह बत्तियों वाला दीपक जलाए जाते है माना जाता है कि ऐसे दीपक को जलाने से भगवान श्रीहरि जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती हैं.
Importance of Pooja Deepak | पूजा दीपक की मान्यताओं और महत्व को :
1) धार्मिक मान्यता है कि आटे का दीपक किसी भी तरह की साधना और कार्यों में सिद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं.
2) सुख समृद्धि के लिए घी का दीपक को जलाया जाता हैं और किसी भी देवी देवताओं की पूजा में घी का दीपक जलाएं जा सकता है माना जाता है कि घी के दीपक को प्रत्येक दिन जलाने से माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती हैं.
3) सरसों के तेल का दीपक सूर्य देव, शनिदेव, काली मां और काल भैरव की पूजा में उपयोग किया जाता हैं.
4) भगवान श्रीराम भक्त हनुमान को प्रसन्न करने के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए.
5) धार्मिक मान्यता है कि राहु केतु के दोष से मुक्ति पाने के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए.
6) दीपक जलाने के पीछे मान्यता है कि सम संख्या में दीपक जलाने से ऊर्जा का संवहन निष्क्रिय हो जाता है लेकिन विषम संख्या में दीपक जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है यही कारण है कि धार्मिक कार्यों में हमेशा जलाए जाते हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
दुर्गा माता के लिए कितनी बत्ती का दीपक जलाना चाहिए ?
दो बत्ती वाला दीपक.
सात मुखी दीपक किसके लिए जलाए जाते हैं ?
माता लक्ष्मी.
आलसी के तेल का दीपक किससे मुक्ति पाने के लिए जलाएं जाते हैं ?
राहु केतु के दोष से मुक्ति.
भगवान शिव की पूजा में कितनी मुखी का दीपक जलाएं ?
पंचमुखी दीपक.
चमेली के तेल किसके लिए जलाएं जाते हैं ?
हनुमान जी के लिए.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.