Geeta Updesh | श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश आज भी कलयुग (Kaliyug) में उतना ही प्रेरणादायक हैं जितना कि कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध के समय अर्जुन के लिए था. महाभारत का युद्ध बुराई पर अच्छाई की जीत और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता हैं. माना जाता है कि श्रीकृष्ण (Shree Krishna) ने युद्ध के समय अर्जुन को ऐसा उपदेश दिया जो अर्जुन को आगे बढ़ने में सहायक हुआ और वह धर्म की राह पर चलने को तैयार हुआ. अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा दिया गया ज्ञान आज के कलयुग में भी हर मनुष्य को अवश्य समझना चाहिए जिससे कि वह अपना जीवन को बदल सकें क्योंकि श्रीकृष्ण की द्वारा अर्जुन को दी गई सीख अगर समझ लिया जाएं तो कलयुग में जीवन की नैया पार लग सकती हैं.
Geeta Updesh | गीता में बताई गई वो सीख जो कलयुग में जीवन की नैया पार लगा दें :
1) समय बड़ा बलवान :
कुरुक्षेत्र में महाभारत (Mahabharata) युद्ध के समय जब अर्जुन का मन विचलित हो गया था जिसके कारण से वह शस्त्र नहीं उठाना चाह रहे थे तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि – हे अर्जुन ! समय बड़ा बलवान होता है अगर तुम यह सोचते हो कि तुम शस्त्र नहीं उठाओगे तो इन पापिओं का संहार नहीं होगा तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, अर्जुन तुम केवल एक निमित्त मात्र हो इनका संहार लिखा है तो अवश्य ही होगा.
2) कर्म पर अवश्य ध्यान रखें :
आज के समय में हर कोई मनुष्य सरल उपाय को अपनाकर सफलता प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म को ही पूजा मानने का ज्ञान देते हुए कहते हैं कि – “हे अर्जुन ! कर्म ही भक्ति हैं इसलिए कर्म को सच्चे मन से करना चाहिए” इसके अलावा अर्जुन को उन्होंने कर्म योगी बनने के उपदेश नही दिए. आज के कलयुग में भी प्रत्येक मनुष्य को अवश्य समझना चाहिए कि बिना कर्म किए फल की प्राप्ति नहीं हो सकती हैं.
3) अन्याय को न्याय से हराना चाहिए :
अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन की महत्वाकांक्षी का उदाहरण देते हुए समझाया कि अन्याय का जवाब या उपाय करना आवश्यक होता हैं. कलयुग में भी अन्याय के चरम पर होने का प्रमाण ग्रँथों में बताई गई है किंतु श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण के द्वारा दिए उपदेश से यह समझना अवश्य है कि अन्याय को न्याय से ही हराया जा सकता हैं.
4) सच के सामने मोह का त्याग करना चाहिए :
गीता का उपदेश देते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को एक महत्वपूर्ण ज्ञान दिया कि सच की राह पर चलते हुए मोह का त्याग अवश्य कर देना चाहिए यहां तक कि अगर परिवार या फिर अपने भी गलत रास्ते पर चले गए हैं तो सच की राह पर चलने के लिए उनका विरोध भी किया जा सकता है क्योंकि सत्य सबसे पहले होना चाहिए तभी जीवन में खुश रहा जा सकता है.
5) जीवन – मृत्यु ,भय – मोह जैसे लोभ से बचना :
भगवान श्रीकृष्ण गीता का उपदेश देते हुए कहते हैं कि – हे अर्जुन ! सृष्टि के निर्माण के बाद से जन्म – मृत्यु का चक्र चल रहा है.प्रकृति का नियम है कि जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु भी अवश्य होगी और फिर मृत्यु के बाद जन्म भी अवश्य होगी इसलिए मृत्यु से भयमुक्त होकर वर्तमान में जीवन को जीना चाहिए क्योंकि मृत्यु का भय वर्तमान जीवन को बर्बाद का देता है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) श्रीमद्भागवत गीता का गीता का उपदेश किसने किसको दिया है ?
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को.
2) भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहां पर गीता का उपदेश दिया था ?
कुरुक्षेत्र के युद्ध भूमि पर.
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