Vidur Neeti | महाभारत जिसको हिंदू धर्म का पांचवां वेद कहा जाता हैं. महाभारत के सारे पात्रों की अपनी एक अलग पहचान थी इन्हीं पात्रों में एक थे जिनकी बुद्धिमानी और ज्ञान को वर्तमान में भी सम्मान दिया जाता हैं और वो है महात्मा विदुर. विदुर धृतराष्ट्र और पांडव के सौतेले भाई व एक दासी पुत्र थे जिनको संपूर्ण वेदों और शास्त्रों का ज्ञान था. माना जाता है कि विदुर और महाराज धृतराष्ट्र के बीच संवाद को विदुर नीति के रूप में जानी जाती हैं और जो लोग विदुर की नीतियों पर अपना जीवन जीते हैं वे जीवन भर खुशहाली में व्यतीत करने के अलावा सबका सम्मान के पात्र भी होते हैं. महात्मा विदुर नीति के अनुसार जो मनुष्य इन सात राज को छिपाकर रखने में कामयाब होते हैं तो उनको जीवन में कभी भी धन की कमी नही होती हैं.
कौन से वे सात (7) राज जिसको छिपाने से व्यक्ति जिंदगी भर खुशहाली में रहता है :
1) अपना दुख और समस्याएं :
विदुर नीति के अनुसार मनुष्य को कभी भी अपनी निजी दुख और परेशानियों को हर किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए क्योंकि इनसे न केवल व्यक्ति की अपनी कमजोरी उजागर होती हैं अपितु दूसरे लोग इसका गलत फायदा भी उठा सकते हैं.
2) अपनी योजनाएं और महत्वाकांक्षाएं :
अपनी योजनाएं और महत्वाकांक्षाएं के बारे में विदुर नीति बहुत सावधान रहने की सलाह देते हुए कहती हैं कि सदैव अपनी भविष्य की योजनाएं और लक्ष्य को गुप्त रखने चाहिए क्योंकि इनको दूसरे के साथ साझा करने से रुकावट पैदा होने के साथ ही कोई आपके विचारों का गलत प्रयोग कर सकता है और अगर योजनाएं बताने पर असफल हो जाएं तो लोग मजाक भी बना सकते हैं.
3) वित्तीय स्थिति और नुकसान :
विदुर नीति के अनुसार अपनी धन – संपत्ति, आय और व्यय से जुड़ी कोई भी जानकारी को हमेशा छिपाकर रखना चाहिए क्योंकि इस तरह की जानकारी दूसरों के मन में ईर्ष्या या द्वेष की भावना पैदा कर सकती है इसके अलावा किसी को भी अपने नुकसान के बारे में नहीं बताना चाहिए नहीं इन सबको सदैव राज ही रखें नहीं तो लोग आपसे दूरी बना सकते हैं.
4) परिवार की निजी बातें :
विदुर नीति कहती है कि अपने परिवार की अंदरूनी समस्याएं या फिर झगड़े किसी बाहरी व्यक्ति से छिपाकर रखें उनके साथ कभी भी साझा नहीं करें क्योंकि इससे परिवार की छवि खराब होने के साथ ही आपसी विश्वास में कमी आ सकती हैं जिससे कि पारिवारिक कलह क्लेश और भी बढ़ सकता है.
5) अपना धर्म और आध्यात्मिक ज्ञान :
विदुर नीति के अनुसार अपने धार्मिक और आध्यात्मिक क्रिया – कलाप को हमेशा अपने तक ही रखना चाहिए क्योंकि अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक रिवाजों को सार्वजनिक रूप से साझा करने से इसका महत्व कम हो जाता हैं.
6) अपनी कमजोरियां :
विदुर नीति कहती है कि अपनी व्यक्तिगत कमजोरियों और डर को किसी अन्य के साथ साझा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे लोगों आपकी कमजोरियों का फायदा उठाकर आपको हानि पहुँचा सकते हैं.
7) किसी अन्य दूसरों की बातें :
विदुर नीति के अनुसार किसी और के द्वारा साझा किया गया गोपनीय जानकारियां या फिर राज को दूसरे को कभी नही बताना चाहिए क्योंकि आप पर विश्वास करके किसी ने आपको कोई राज बताया है और किसी के राज को सार्वजनिक करने से यह आपके विश्वास और प्रतिष्ठा को हानि हो सकती हैं इसलिए यह कार्य भूलकर भी नहीं करें.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) विदुर नीति किसी के द्वारा लिखा गया पुस्तक हैं ?
महात्मा विदुर.
2) महात्मा विदुर कौन थे ?
महाराज धृतराष्ट्र और पांडव का सौतेले भाई.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.