Aghan Month 2023 | हिन्दू पंचाग का नौवा महीना अगहन मास होता है यह बहुत पवित्र माना जाना वाला मास होता है जो भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और भगवान श्री राम के विवाह से जुड़े पावन पर्व के लिए जाना जाता हैं. इस मास को मार्गशीर्ष मास भी कहा जाता हैं भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में स्वंय कहा है कि माहों में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में बसंत मैं हूं इसी कारण इस मास का विशेष महत्व है इस मास में भगवान विष्णु के साथ श्रीकृष्ण और उनके बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा विधिवत करना शुभ फलदायक माना गया है. अगहन मास को बहुत शुभ इसलिए माना जाता है क्योंकि इस मास में ही भगवान श्रीराम और माता लक्ष्मी का विवाह हुआ था यही कारण है कि अगहन मास की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाई जाती हैं तो वहीं शिव पुराण के अनुसार अगहन मास में ही हिमालय राज ने अपनी पुत्री पार्वती का विवाह शिवजी के साथ निश्चित किया था जिसके कारण इस मास का महत्व और भी बढ़ जाता हैं.
Aghan Month 2023 | आइए जानते हैं इस साल 2023 में अगहन मास कब से शुरू हो रहा है :
इस साल 2023 में अगहन मास (Aghan Magh 2023) की शुरुआत होगी 28 नवंबर दिन मंगलवार से लेकर 26 दिसंबर दिन मंगलवार तक. अगहन मास की कृष्ण पक्ष की शुरुआत होगी 28 नवंबर दिन मंगलवार से लेकर 12 दिसंबर दिन मंगलवार तक और शुक्ल पक्ष की शुरुआत होगी 13 दिसंबर दिन बुधवार से लेकर 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार तक.
Religious significance of Aghaan Month | आइए जानते हैं अगहन मास का धार्मिक महत्व :
हिन्दू धर्म में कार्तिक मास के बाद पड़ने वाली मास अगहन मास कहलाती है और इस मास को मार्गशीर्ष इसलिए कहा जाता हैं क्योंकि इस मास के शुक्लपक्ष के आखिरी दिन यानि कि पूर्णिमा पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में रहता है और इसी नक्षत्र के नाम पर ही इस मास का नाम मार्गशीर्ष पड़ा. अगहन मास को जाने अनजाने किए गए पाप से मुक्ति और पुण्य को प्राप्त करने का सबसे उत्तम माना गया है. इस महीने में किसी पवित्र नदी सरोवर में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि माना जाता है कि पवित्र नदियों का पानी कईं तरह के मौसमी रोगों को नष्ट करने में सक्षम होता है.
मार्गशीर्ष मास में किए गए धार्मिक कार्य से जीवन में बहुत शुभ फल की प्राप्ति होती हैं इस मास को जप, तप और योग के लिए बहुत ही खास माना जाता है. मान्यता है कि इस मास में संतुलित भोजन और अनुशासित जीवन शैली को अपनाने से रोग और कष्ट से मुक्ति मिलती है सकारात्मक विचार बने रहने के साथ मन प्रसन्न रहता है.
अगहन का महीना चन्द्रमा को प्रसन्न करने के लिए माना जाता है इस मास में उन लोगों को चंद्रमा की विशेष पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिए जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर हो. इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजन में तुलसी के पत्ते को अवश्य से शामिल करने के साथ शंख का पूजन करना चाहिए.
Rules of Aghaan Month | आइए अब जानते हैं इस अगहन मास के नियम को :
1) अगहन मास में रोजाना भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा उपासना और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना चाहिए.
2) अगहन मास में नियमित रूप से संध्या के समय तुलसी जी के समक्ष शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए.
3) अगहन मास के दौरान प्रतिदिन तुलसी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए मान्यता है कि ऐसा करने से श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती हैं.
4) इस पावन मास में किसी पवित्र नदी या सरोवर में रोजाना नियमित रूप से स्नान करना चाहिए.
5) अगहन मास में तामसिक भोजन को ग्रहण नहीं करना चाहिए.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
हिन्दू पंचाग का नौवां महीना कौन सा है ?
अगहन मास.
अगहन मास को किस और नाम से जाना जाता हैं ?
मार्गशीर्ष मास.
इस साल 2023 में अगहन मास कब से कब तक रहेगा ?
28 नवंबर 2023 से 26 दिसंबर 2023 तक.
अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि क्या तिथि कहलाती हैं ?
विवाह पंचमी.
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