Adi Guru Shankaracharya | हिन्दू धर्म में आदि गुरु शंकराचार्य का एक विशेष महत्व स्थान है मान्यता है कि आदि गुरू शंकराचार्य भगवान शंकर का ही अवतार है. कहा जाता हैं कि सदियों तक पंडितों के द्वारा लोगों को शास्त्रों के नाम पर गलत शिक्षा दी जा रही थी तब आदि गुरु शंकराचार्य ने हिंदू धर्म को नए तरीके से प्रचार प्रसार किया और लोगों को सनातन धर्म के सही मायने को समझाया इसलिए कहा जाता हैं कि आदि शंकराचार्य जी ने हिंदू धर्म की पुनर्स्थापना करने का काम किया साथ ही धर्म को लेकर फैलाई जा रही तरह तरह की भ्रांतियों को भी दूर किया.
Adi Guru Shankaracharya Birth Story | आदि शंकराचार्य जन्म कथा :
हिंदू धर्म की पुनर्स्थापना करने वाले आदि शंकराचार्य का जन्म आठवीं सदी में बैशाख महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को दक्षिण भारत के कालटी नाम के गांव में नंबूदरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था उनके पिता का नाम शिवगुरू और माता का नाम आर्यम्बा था. माना जाता है कि ब्राह्मण दंपत्ति के विवाह के कई सालों के बाद जब कोई संतान नहीं हुई तब संतान प्राप्ति के लिए ब्राह्मण दम्पति ने भगवान शंकर की आराधना किया और उनकी आराधना व कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने उनको सपनें में दर्शन दिया और वरदान मांगने को बोला तब ब्राह्मण दम्पति ने भगवान शंकर से ऐसी संतान की कामना की जो दीर्घायु होने के साथ उसकी प्रसिद्धि दूर दूर तक फैले इस पर भगवान शंकर ने कहा कि या तो तुम्हारी संतान दीर्घायु हो सकती हैं या फिर सर्वज्ञ, जो दीर्घायु होगा वो सर्वज्ञ नहीं होगा और अगर सर्वज्ञ संतान चाहते हो तो वह दीर्घायु नहीं होगी तब ब्राह्मण दम्पति ने वरदान के रूप में दीर्घायु संतान की नहीं सर्वज्ञ संतान की कामना की.
भगवान शंकर ने वरदान देने के बाद ब्राह्मण दम्पति के यहाँ स्वयं संतान के रूप में जन्म लिया और ब्राह्मण दम्पति ने वरदान के कारण अपने पुत्र का नाम शंकर रखा और यही आगे चलकर आदि गुरु शंकराचार्य कहलाए जो कि 12 वर्ष की उम्र में शास्त्रों का अध्ययन किया और 16 साल की उम्र में 100 से भी अधिक ग्रँथों की रचना किए और बहुत ही कम उम्र में सन्यासी बन गए थे. उनका मात्र 32 साल की उम्र में केदारनाथ में मृत्यु हो गया था.
How did Shankaracharya reestablish Hinduism? शंकराचार्य ने कैसे की हिंदू धर्म की पुनर्स्थापना की :
आदि गुरु शंकराचार्य को हिंदू धर्म की पुनर्स्थापना करने का श्रेय दिया जाता हैं. बरसों पहले लगभग आज से करीब दो हजार साल पहले वेदों के पंडितों ने हिंदू धर्म (Hinduism) को लेकर लोगों में गलत बातें को फैलाई उन्होंने लोगों को वेद के मंत्रों का गलत अर्थ बताया जिसके कारण हिन्दू धर्म के लोग गलत प्रथा को अपनाने लगे तब शंकराचार्य ने लोगों को हिंदू धर्म के मायने को समझाया और हिन्दू धर्म को लेकर लोगों के बीच फैली भ्रातियां को मिटाया. उन्होंने हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार करने के साथ ही लोगों को हिन्दू धर्म का ज्ञान भी दिया. आदि शंकराचार्य ने मूर्ति पूजा को सिद्ध करने का कोशिश किया जिसमें वे सफल ही हुए.
Which monasteries were established by Shankaracharya? कौन से मठों की स्थापना शंकराचार्य ने की है :
हिन्दू धर्म के प्रचार प्रसार के लिए शंकराचार्य ने देश के अलग अलग दिशाओं में चार मठों की स्थापना किया. सनातन धर्म के अनुसार मठ वो स्थान होता है जहां गुरु अपने शिष्यों को शिक्षा और ज्ञान की बातें बताते हैं और गुरुओं द्वारा दी गई शिक्षा आध्यात्मिक होती है. शंकराचार्य ने उत्तर दिशा में बद्रिकाश्रम में ज्योतिर्मठ, पश्चिम दिशा में द्वारिका में शारदा मठ, दक्षिण दिशा में रामेश्वरम में श्रंगेरी मठ और पूर्व दिशा में जगन्नाथपुरी में गोवर्धन मठ की स्थापना की और आगे चलकर यह सभी मठ शंकराचार्य मठ कहलाए. आदि गुरु शंकराचार्य ने जिन जिन मठों की स्थापना किया उन सभी मठों में अपने शिष्यों को आसीन किया और वे सभी शिष्य शंकराचार्य कहलाए. आदि गुरु से शास्त्रार्थ में पराजित मंडन मिश्र पहले शंकराचार्य बने थे ओर आज भी मठों में शंकराचार्य की परंपरा चली आ रही हैं जो कि हिन्दू धर्म मे सर्वोच्च पद माना जाता हैं.
What is Advaita Vedanta? क्या है अद्वैत वैदांत :
शंकराचार्य को हिंदू धर्म की पुनर्स्थापना और अद्वैत ब्रह्म के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता हैं विशेषकर सनातन धर्म के व्यापक प्रसार के लिए इनके योगदान को याद किया जाता हैं. शंकराचार्य के वैदान्त को अद्वैत वैदान्त जो हिंदू दर्शन का एक स्कूल हैं जो कि गैर- द्वैत और सभी वास्तविकता की एकता पर जोर देता है और आदि शंकराचार्य का मुख्य दर्शन था ज्ञान ही एकमात्र ऐसी चीज है जो लोगों को दुखों से बचाती है इनका मानना था कि सभी दुखों की जड़ अज्ञानता हैं और सच्चा सुखों को पाने के लिए मनुष्य को ज्ञान प्राप्त करना चाहिए इसके अलावा शंकराचार्य का मानना है कि वास्तविकता और अनुभवी संसार की सारी चीजें ब्रह्मा से जुड़ी है और इस ब्रह्मांड में ब्रह्म ही सत्य है. आदि शंकराचार्य ने दुनिया को माया के रहस्यों को समझाया था.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
किसने हिन्दू धर्म को पुनर्स्थापना किया है ?
आदि गुरु शंकराचार्य ने.
आदि गुरु शंकराचार्य ने कितने मठों की स्थापना किया है ?
चार (4) मठों की.
उत्तर दिशा बद्रिकाश्रम में किस मठ की स्थापना की गई हैं ?
ज्योतिर्मठ.
शंकराचार्य के वेदांत क्या कहलाता है ?
अद्वैत वैदान्त.
आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु किस उम्र में कहां हुआ था ?
32 साल में केदारनाथ (उत्तराखंड).
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