Shani Dev | शनिदेव को कलियुग का न्यायकर्ता माना जाता है क्योंकि शनिदेव बुरे कर्मों की सजा बहुत कठोर दिया करते हैं तो वहीं अच्छे कर्म का शुभ फल भी देते हैं इसलिए तो कहा जाता हैं कि जीवन के शुभ और अशुभ कर्मों का हिसाब शनिदेव ही रखा करते हैं. ज्योतिष के अनुसार कुंडली में शनिदेव की स्थिति से ही धन पाना तय होता है अर्थात शनिदेव के प्रभाव से राजा रंक हो सकता है. न्यायकर्ता शनिदेव को तेल, तिल और काला रंग बहुत ही पसन्द हैं जिसको अधिकतर मन्दिरों में यह चीजें इनको अर्पित किया जाता हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इन चीजों में भी कई बड़े रहस्य (Shani Dev ka Rahasya) छिपे हुए हैं.
Shani Dev | शनिदेव से जुड़े हैरान कर देने वाले रहस्य :
1) शनिदेव की टेढ़ी दृष्टि का रहस्य (The mystery of Shanidev’s crooked vision) :
शनिदेव के मंदिर में कभी भी शनि की मूर्ति की सीध में खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए और ना ही इनकी मूर्ति को ही घर में स्थापित करना चाहिए कहा जाता है कि शनिदेव की टेढ़ी नजर जिस किसी पर पड़ती हैं उसका बुरा समय शुरू हो जाता है इस रहस्य के पीछे एक पौराणिक कथा हैं की एक बार शनिदेव की पत्नी जो कि परम् तेजस्विनी थी वे पुत्र प्राप्ति की इच्छा से रात्रि में शनिदेव के पास पहुंची तो उस समय शनिदेव भगवान विष्णु के ध्यान में मग्न थे जिसके कारण वे अपनी पत्नी को नहीं देख पाएं और उनकी पत्नी प्रतीक्षा करते करते थक गई व क्रोधित हो गई और उसी क्रोध में उन्होंने शनिदेव को श्राप दे दिया कि “वो जिसे भी देखेंगे वो नष्ट हो जाएगा” इसलिए इसी श्राप की वजह से शनिदेव की आंखों की सीध में देखने की मनाही होती हैं.
2) शनिदेव के न्यायाधीश होने का रहस्य (The secret of Shanidev being a judge) :
ज्योतिष शास्त्र में कुल नौ ग्रह बताए गए है जिसमें सूर्य राजा, बुध मंत्री, मंगल सेनापति, राहु केतु प्रशासक हैं तो वहीं शनिदेव न्यायाधीश होते हैं. मान्यता है कि जीवन के शुभ और अशुभ कार्यों का हिसाब शनिदेव ही करते हैं इसलिए जब भी कोई अपराध करता है तो शनि उनको उसके बुरे कर्मों की सजा दिया करते हैं. राहु केतु दंड देने के लिए सक्रिय हो जाते हैं. मान्यता है कि पहले शनि की अदालत में दंड दिया जाता है और फिर बाद में मुकदमा इस बात पर चलता है कि दंड की समय सीमा गुजरने के बाद इसे पुनः खुशहाली दी जाए या फिर नहीं शनिदेव न्यायाधीश कहने के पीछे पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव ने स्वयं शनिदेव को वरदान दिया है कि शनिदेव नवग्रहों में श्रेष्ठ होंगे और पृथ्वी लोक में न्यायधीश के रूप में लोगों को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करेंगे यही कारण है कि आज भी शनिदेव को न्यायधीश के रूप में पूजा जाता हैं और उनका स्थान सभी ग्रहों में बहुत ऊंचा हैं.
3) शनिदेव का काला रंग होने का रहस्य (The secret of Shanidev’s black color) :
शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र हैं जिनका जन्म छाया और सूर्य के संयोग से हुआ है और धार्मिक मान्यता हैं कि जब शनिदेव माता छाया के गर्भ में थे तो सूर्य का तेज सहन नहीं कर सकें जिसके कारण उनका रंग काला हो गया और शनिदेव के काले रंग को देखकर सूर्य भगवान ने उनको अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया यह बात शनिदेव को सहन नहीं हुआ और यही वजह है कि तभी से शनिदेव और सूर्य भगवान में शत्रुता हैं.
4) शनिदेव को तेल चढ़ाने का रहस्य (The secret of offering oil to Shanidev) :
धार्मिक कथानुसार एक बार सूर्य भगवान के कहने पर हनुमानजी शनिदेव को समझाने गए लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद भी शनिदेव नहीं माने और हनुमानजी से युद्ध करने को तैयार हो गए जिसमें शनिदेव को हनुमानजी ने पराजित कर दिया साथ ही इस युद्ध में शनिदेव बुरी तरह से बहुत घायल हो गए तब हनुमानजी ने शनिदेव के घावों को कम करने के लिए उनको तेल लगाया और इसी पर शनिदेव ने कहा कि “जो भी मुझको तेल चढ़ायेगा उसे मैं कभी भी पीड़ा नहीं दूंगा और साथ ही उनके कष्टों को भी कम करूंगा” माना जाता है कि तभी से शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुआ.
5) शनिदेव को शनिवार के दिन दीपक जलाने के रहस्य को (The secret of lighting a lamp for Shanidev on Saturday) :
शनिदेव अंधकार के प्रतीक होता है और सूर्यास्त के बाद वे बहुत शक्तिशाली हो जाते हैं कहा जाता हैं कि अगर शनिदेव बिगड़ जाएं तो जीवन में अंधकार छा जाता हैं मान्यता है कि शनिवार की शाम को शनिदेव के सम्मुख दीपक जलाने से जीवन का अंधकार दूर होने के साथ भाग्य भी चमकता है क्योंकि शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
कलियुग के न्यायाधीश किसे कहा जाता हैं ?
शनिदेव.
शनिदेव किनके पुत्र हैं ?
सूर्य और छाया के.
शनिदेव किसके प्रतीक हैं ?
अंधकार के.
शनिदेव को कौन सा दिन समर्पित होता है ?
शनिवार
शनिदेव को न्यायधीश होने का वरदान किसने दिया ?
भगवान शिव.
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