Yogini Ekadashi 2024 | एकादशी व्रत का बहुत ही विशेष महत्व होता है और एकादशी हर महीने में दो बार पड़ती है, पहली कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष में. हर महीने की एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व होता है और एकादशी का पर्व हो या व्रत हो भगवान विष्णु को समर्पित होता है. पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि सभी एकादशियों में यह एकादशी एक ऐसा व्रत है जिसे करने से समस्त पाप तो नष्ट होते ही हैं साथ ही इस लोक में भोग और परलोक मुक्ति भी योगिनी एकादशी व्रत रखने से मिलती हैं. धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी व्रत करने से साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है और उनकी कृपा से साधक के सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं इसके साथ ही जीवन में सुख शांति और मंगल का आगमन होता है.
Yogini Ekadashi 2024 | जानते हैं योगिनी एकादशी 2024 कब है और क्या है शुभ मुहूर्त :
हिन्दू पंचाग के अनुसार योगिनी एकादशी हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और साल 2024 में आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी 01 जुलाई 2024 दिन सोमवार की सुबह 10 बजकर 36 मिनट से लेकर 02 जुलाई 2024 दिन मंगलवार की सुबह 08 बजकर 42 मिनट तक.
सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है इसी कारण योगिनी एकादशी 02 जुलाई 2024 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी.
योगिनी एकादशी व्रत का पारण 03 जुलाई 2024 दिन बुधवार की सुबह 05 बजकर 28 मिनट से लेकर 07 बजकर 20 मिनट तक किया जाएगा.
शिववास :
योगिनी एकादशी पर शिववास का योग बन रहा है. योगिनी एकादशी के दिन सुबह के 08 बजकर 42 मिनट तक भगवान शिव कैलाश पर रहेंगे और उसके पश्चात वे नदी पर सवार होंगे माना जाता है कि इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से शुभ फल की प्राप्ति होने के साथ ही मनोकामना पूर्ण होती हैं.
Yogini Ekadashi Puja Vidhi | योगिनी एकादशी की पूजा विधि :
1) योगिनी एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि से करें और इस दिन लहसुन, प्याज के अलावा तामसिक भोजन का सेवन नहीं करें.
2) योगिनी एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत होकर पीले वस्त्र को धारण करें.
3) अब पूजा घर की साफ सफाई करने के बाद हाथ में अक्षत, जल और पुष्प लेकर योगिनी एकादशी व्रत और पूजा का संकल्प लें.
4) अब एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या फिर तस्वीर को स्थापित करें.
5) इसके पश्चात भगवान विष्णु को वस्त्र, चंदन, पीले पुष्प, अक्षत, हल्दी, फूलों की माला, फल, शक्कर, पान के पत्ते, सुपारी, तुलसी के पत्ते आदि को अर्पित करें.
6) आप भगवान विष्णु को प्रसाद में पीले रंग की मिठाई को चढ़ाए इस समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करने के बाद एकादशी व्रत कथा को पढ़े या फिर सुनें.
7) व्रत कथा को पढ़ने या सुनने के बाद विष्णु चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
8) अंत में आरती करके सुख, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें और दिनभर उपवास रखें और संध्या काल में पुनः आरती करके फलाहार करें.
9) अगले दिन द्वादशी तिथि के दिन ब्राह्मण या फिर जरूरतमंद को दान करके पारण मुहूर्त में पारण करें.
Yogini Ekadashi Ka Mahatv | आइए जानते हैं योगिनी एकादशी के महत्व को :
योगिनी एकादशी एक महत्वपूर्ण तिथि है जो कि निर्जला एकादशी और देवशयनी एकादशी के मध्य में आती है और यह एकादशी का व्रत युवा या वृद्ध कोई भी कर सकता है और यह उन लोगों के लिए जो किसी भी तरह की बीमारी या स्वास्थ्य समस्या से बचना चाहते हैं माना जाता है की योगिनी एकादशी का व्रत रखने से जातक के सभी पाप मिट जाते हैं इसके अलावा जीवन में समृद्धि और आनंद की भी प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करना अठ्यासी (88) हजार ब्राह्मण को भोजन कराने के बराबर है यही कारण है कि इस व्रत को रखने का विशेष महत्व होता हैं. इस एकादशी का व्रत करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होने के साथ इससे स्वर्गलोक की भी प्राप्ति होती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) निर्जला एकादशी और देवशयनी एकादशी के मध्य कौन सी एकादशी आती हैं ?
योगिनी एकादशी.
2) पंचाग के अनुसार योगिनी एकादशी कब मनाई जाती हैं ?
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि
3) साल 2024 के योगिनी एकादशी में क्या योग बन रहा है ?
शिववास योग.
4) साल 2024 में योगिनी एकादशी कब मनाया जाएगा ?
02 जुलाई 2024 दिन मंगलवार.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.