Vastu Tips for House | वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व होता है सही दिशा में सही वस्तु को रखने से घर में सुख व समृद्धि के दरवाजे खुलते हैं और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद और कृपा भी मिलती है. सनातन धर्म में भगवान शिव की आराधना का बहुत महत्व होता है भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है तो वही हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है क्योंकि लक्ष्मी जी की कृपा से व्यक्ति को कभी भी धन से जुड़ी किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता हैं.
वास्तु के अनुसार घर में देवी- देवताओं का निवास होता है अगर देवी – देवताओं की दिशा के लिए वास्तु के नियमों का ध्यान रखा जाए तो इससे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बनती है और आर्थिक संकट का भी सामना नहीं करना पड़ता.
The Direction of Lord Shiva and Maa Lakshmi in the house | आइए जानते हैं कि घर की किस दिशा में भगवान शिव और माता लक्ष्मी का वास होता है और क्या है वास्तु नियम :
1) घर के किस दिशा में होता है भगवान शिव का वास (Ghar Mein Shivji ka Vaas kis disha mein hota hai) :
In which direction of the house does Lord Shiva reside? मान्यता है कि घर की उत्तर पूर्व दिशा में भगवान शिव का वास होता है इसलिए भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद को पाने के लिए घर की इस दिशा में कभी भी टूटे-फूटे समान या बर्तन को नहीं रखना चाहिए और इस दिशा यानी कि उत्तर पूर्व दिशा में हरे रंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए माना जाता है कि इससे लाभ की प्राप्ति होती है और वही इस दिशा में कभी भी काले रंग की वस्तुओं को रखने से बचना चाहिए.
2) घर के किस दिशा में होता है माता लक्ष्मी का वास (Ghar Mein Maa Laxmi ka Vaas kis disha mein hota hai):
In which direction of the house does Maa Lakshmi reside? वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर दिशा में माता लक्ष्मी का वास होता है इसलिए इस दिशा में माता लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो को लगाना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होती है. मान्यता है कि अगर इस दिशा में एक चांदी के सिक्के को लाल कपड़े बांधकर रखा जाए तो माता लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं. माना जाता है कि जहां साफ सफाई होती है वहां लक्ष्मी जी वास करती है इसलिए घर की इस दिशा में हमेशा साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है.
Vastu Tips for House | वास्तु में दिशा के नियम व महत्व :
ईशान दिशा यानी कि पूर्व और उत्तर दिशाएं (North-East) जहां पर मिलती है उसे स्थान को ईशान दिशा कहलाती है और वास्तु के अनुसार घर की इस स्थान को ईशान कोण कहा जाता है जो कि वास्तव में भगवान शिव की दिशा होती है मान्यता है कि भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर पूर्व दिशा में होता है इसलिए इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है क्योंकि भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है और यह दिशा ऊर्ध्व दिशा होती है जो की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है जो कि एक शुभ दिशा भी होती है अगर ईशान दिशा को स्पष्ट कर लिया जाए तो यह जिंदगी में अधिक सकारात्मकता और लक्ष्मी जी को आकर्षित करने में सहायक होती है जिससे कि धन, समृद्धि, सम्मान और उन्नति की प्राप्ति होती हैं.
ईशान दिशा को स्पष्ट रखने के लिए इस दिशा में वास्तु के अनुसार कुछ वस्तुओं को रखने को बतलाया जाता है. ईशान दिशा में कभी भी ज्यादा वजन वाली वस्तुओं को नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह दूसरी दिशा में नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर देती है इसलिए ईशान दिशा में तुलसी का पौधा रखना शुभ होता है ग्रँथों में आतंक भीम चक्र में ईशान दिशा को तुलसी के बराबर ही माना जाता है इसलिए इस दिशा में तुलसी पौधा या उससे बनी वस्तुओं को रखने से जीवन में धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
ईशान दिशा में वास्तविक आकर्षक और अधिक शक्ति वाली वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए इस दिशा में बल्ब बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इसलिए स्वस्थ दिमाग और चेतना के लिए अच्छा रोशनी वाले बल्ब लगाएं.ईशान दिशा वास्तविक दिव्य ऊर्जा को बढ़ती है जिससे जीवन में सफलता और समृद्धि मिलने के अलावा जीवन में सकारात्मकता, धन और स्थिरता की भी प्राप्ति होती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
घर की किस दिशा में भगवान शिव का वास होता है ?
उत्तर पूर्व दिशा.
पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां मिलती है उसे कौन सी दिशा कहा जाता हैं ?
ईशान दिशा.
माता लक्ष्मी का घर की किस दिशा में वास होता है ?
उत्तर दिशा.
ईशान दिशा किस ऊर्जा को बढ़ाती है ?
सकारात्मक ऊर्जा.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.