Aja Ekadashi 2024 | हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत ही विशेष महत्व होता है और एकादशी व्रत को सबसे उत्तम व्रतों में से एक माना जाता है. एकादशी व्रत हर महीने में दो बार रखा जाता हैं एक एकादशी व्रत कृष्ण पक्ष की और दूसरी शुक्ल पक्ष में होती है और सभी एकादशियों में अजा एकादशी एक पवित्र एकादशी हैं जो कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है और यह एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी को समर्पित होता है. अजा एकादशी को आंनद एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैं इस एकादशी में भगवान ह्रषिकेश की पूजा किया जाता है और भगवान ह्रषिकेश भगवान विष्णु के 108 नामों में से एक हैं जिसमें हृषिकेश शब्द का अर्थ है एक ऐसा देवता जो भक्तों के सारे इंद्रियों को अपनी तरफ मोड़ लिया करता है.
Aja Ekadashi 2024 | अजा एकादशी 2024 के शुभ मुहूर्त :
हिंदू पंचाग के अनुसार अजा एकादशी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है और इस साल भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी 29 अगस्त 2024 दिन गुरुवार की प्रातः 01 बजकर 18 मिनट से लेकर 30 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार की प्रातः 01 बजकर 36 मिनट तक. साल 2024 को अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी.
साल 2024 अजा एकादशी का पारण मुहूर्त :
अजा एकादशी व्रत 2024 का पारण 30 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार की सुबह 08 बजकर 44 मिनट से लेकर 11 बजकर 12 मिनट तक.
पढ़ें >> खोया हुआ धन और सम्मान को पाने के लिए सुने या फिर पढ़े अजा एकादशी व्रत कथा को
Aja Ekadashi Puja Vidhi | अजा एकादशी की पूजा विधि :
1) अजा एकादशी व्रत के एक दिन पहले दशमी तिथि को सात्विक भोजन करना चाहिए जिससे कि व्रती के मन से सभी नकारात्मकता दूर हो जाएं.
2) अजा एकादशी तिथि में सुबह जल्दी उठकर गंगाजल युक्त जल से स्नान करने के बाद जल को ग्रहण करने स्वयं को शुद्ध करें.
3) इस दिन हो सकें तो पीले वस्त्र को धारण करें क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत ही प्रिय हैं.
4) अब पूजा स्थान को स्वच्छ करने के बाद एक साफ चौकी पर पीले रंग के साफ कपड़े को बिछाकर उस पर श्री हरि विष्णु की मूर्ति को रखें.
5) भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक को जलाएं और उनकी प्रसन्नता के लिए चंदन, अक्षत और पीले फूल को अर्पित करें.
6) अब भगवान विष्णु को केसर से बनी खीर का भोग लगाएं, ध्यान रखें कि भोग में तुलसी दल अवश्य शामिल हो.
7) इस दिन केले के पेड़ में जल, हल्दी, और चने की दाल को चढ़ाएं और पेड़ के सामने दीपक जलाएं.
8) अजा एकादशी के पावन दिन विष्णु मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” के जाप के अलावा विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और फिर अजा एकादशी व्रत कथा को पढ़ें या सुने.
9) पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और सुख समृद्धि की कामना करें.
10) अगले दिन द्वादशी को ब्राम्हण को भोजन कराने के पश्चात पारण मुहूर्त में भोजन करें.
Aja Ekadashi ke Mahatv | अजा एकादशी के महत्व :
अजा एकादशी का हिंदू धर्म मे विशेष महत्व है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह एकादशी पापों, तालाबंदी और दुर्भाग्य से छुटकारा दिलाता है. कहा जाता हैं कि जो भी भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करता है उनको अपार धन, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं. अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के हृषिकेश रूप की पूजा आराधना की जाती हैं इसलिए इस दिन का व्रत रखने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) पंचाग के अनुसार अजा एकादशी कब मनाई जाती हैं ?
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि
2) अजा एकादशी में भगवान विष्णु के किस रूप की पूजा की जाती हैं ?
हृषिकेश रूप.
3) अजा एकादशी को और किस नाम से जाना जाता हैं?
आनंद एकादशी.
4) साल 2024 में अजा एकादशी कब मनाई जाएगी ?
29 अगस्त 2024 दिन गुरुवार.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.