Navratri 2023 : नवरात्रि में माँ दुर्गा के चरणों के समीप बैठकर जपें ये 5 मन्त्र जिनसे दूर हो जाएंगे सारे कष्ट

Gupt Navratri

Navratri | वेद – पुराणों में माँ दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है जो असुरों से इस संसार की रक्षा करती हैं. नवरात्र के समय माँ के भक्त उनसे अपने सुखी जीवन और सम्रद्धि की कामना करते हैं. मान्यता है कि नवरात्रि (Navratri) में पूजा के दौरान माता दुर्गा के कुछ मंत्रों का उपयोग करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा कर देती हैं.

धर्म शास्त्रों के अनुसार, मनुष्य जीवन मे दुखों को पूर्ण रूप से समाप्त करने का सबसे बढ़िया तरीका यही है कि आप माँ दुर्गा के चरणों मे जाकर विनती करें. आपके इस काम में माँ दुर्गा के कुछ प्रिय और खास मंत्र आपकी सहायता कर सकते हैं. यदि आप इन मन्त्रों का उच्चारण सही तरीके से करते है तो आपको इसका लाभ जल्द देखने को मिलता है. इन सभी मंत्रो को आपको  माँ दुर्गा के चरणों के समीप बैठकर जपना हैं.

मां दुर्गा की वह मंत्र जो पूरे करें आपकी मनोकामनाएं

माता रानी के इन सभी इन मंत्रों को पढ़ने से माता रानी की असीम कृपा बनी रहती है और भक्त अपने जीवन में लाभ और खुशहाली प्राप्त करते हैं. माँ दुर्गा के प्रत्येक स्वरूप के लिए पूजा के कौन कौन से मंत्र हैं, जिनका हम पूजा के दौरान उपयोग करना चाहिए। आइये जाने.

पहला मंत्र:

“सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि। गुणाश्रये गुणामये नारायणि नमो:स्तुते।।”

यह मंत्र आप दिन में कभी भी औऱ कहीं भी बोल सकते हैं इसे कितनी बार बोलना हैं ये भी आपके ऊपर निर्भर करता है, बस जब भी इन्हें जपें तो मन से माँ दुर्गा को याद करे.

दूसरा मंत्र:

“शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायेणे।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नामो:स्तुते।।”

यह मंत्र आप दिन में दो बार सुबह और शाम को माँ दुर्गा का ध्यान करते हुए बोले, हर बारी इस मंत्र को 7 बार दोहराना है अर्थात दिन में 14 बार इस मंत्र का जाप करेगे. मंत्र समाप्त होने के बाद माँ दुर्गा से हाथ जोड़ करअपनी समस्या का निधान करने को कहे.

तीसरा मंत्र:

“ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा  क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमो:स्तुते।।”

यह मंत्र आप घर में माँ दुर्गा की पूजा करते समय या हवन करते समय बोल सकते हैं. इस मंत्र से आपके घर की सभी बुरी और नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाएगी. इस मंत्र को कम से कम 51 बार बोले.

चौथा मंत्र:

“सर्वमंगलामाँगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणि नमो:स्तुते।।”

यह मंत्र आपको माँ दुर्गा की आरती करने के बाद बोलना हैं. इसे बोलते समय आप ध्यान मुद्रा में आ जाय और इस मंत्र का मन ही मन 21 बार जाप करे, अंत में माँ दुर्गा के सामने माथा टेक कर अपनी परेशानी अवश्य बताए.

पांचवा मंत्र:

“शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।घण्टास्वनें न: पाहि चापज्यानि: स्वनें च।।”

जब भी आप मुसीबत में फंस जाए या दुखी हो तो इस मंत्र को मन ही मन माँ दुर्गा का ध्यान करते हुए 11 बार बोले।माँ आपकी रक्षा  करेगी इसलिये बेहतर यही होगा कि आप इस मंत्र को कंठस्थ कर ले.

माना जाता है कि यदि आप पूजा के समय माँ दुर्गा के इन मंत्रो का जाप करें और अपनी सभी इच्छित इच्छाओं को माता दुर्गा के समक्ष प्रकट कर दे जिससे कि माता आपकी उन मनोकामनाओं की पूर्ति करें। 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. madhuramhindi.com इसकी पुष्टि नहीं करता हैं. 

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