Navakhai festival of Chhattisgarh | जानते हैं छत्तीसगढ़ के खास पर्व नवाखाई 2023 के बारे में, कि ये पर्व कब मनाया जागेगा और इस पर्व की खासियत क्या है.

Navakhai festival of Chhattisgarh

Navakhai festival of Chhattisgarh | भारत त्योहारों की धरती हैं. यहां के हर राज्य व प्रान्तों में कई प्रकार के जीवंत त्यौहार मनाए जाते हैं जो कि वहां की संस्कृति को दर्शाता है. हर राज्य की त्यौहारों की अपनी अलग पहचान हैं. छत्तीसगढ़ भारत का एक ऐसा राज्य हैं जो अपने त्यौहारों के साथ साथ अपनी सुंदरता और अद्वितीय जनजातीय समुदाय लिए बहुत प्रसिद्ध है यही कारण है कि त्यौहारों की अधिकता इस राज्य की संस्कृति की विशेषता है. धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले त्यौहार खेती किसानी पर आधारित होते हैं धान की रोपाई से लेकर फसल कटने तक किसान कई तरह के सामुहिक उत्सव और पर्व मनाते हैं जिनमें से एक त्यौहार है, नवाखाई त्यौहार जिसे नवाखाना भी कहा जाता हैं.

Navakhai festival of Chhattisgarh | जानते हैं कि नवाखाई त्यौहार कब मनाया जाता हैं  :

नवाखाई हर साल हिन्दू पंचाग के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता हैं. इस साल 2023 में नवाखाई का त्यौहार 22 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा वैसे इस त्यौहार को छत्तीसगढ़ केअलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग तिथियों में मनाया जाता है किसान इसे अपनी सुविधा व फसल को देखकर मनाते हैं.

Navakhai festival of Chhattisgarh |अब जान लेते हैं नवाखाई त्यौहार को विस्तार से : –

छत्तीसगढ़ में नवाखाई का त्यौहार आदिवासियों के नए फसल का पहला त्यौहार है जिसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है और ये त्यौहार धान की फसल में जब बाली आना शुरू होता है तो इसी खुशी में नवाखाई त्यौहार के रूप में गॉंवों में मनाई जाती है यहां नवाखाई त्यौहार एक कृषि का पर्व है जिसमें नुआ का अर्थ  “नया” और खाई का अर्थ ” खाना” होता है और इस त्योहार के दिन देवी देवताओं व अपने पूर्वजों की पूजा की जाती हैं.

जैसे कि धान रोपाई के समय छत्तीसगढ़ में बीज पंडुम मनाया जाता है, आम की पहली फसल खाने से पहले मरका पंडुम मनाया जाता है ऐसे ही नवाखाई का पर्व धान की नई बाली आने पर इन बालियों के दाने को खीर और चावल में डालें जाते हैं और इसके अलावा पूरी और उड़द दाल का बडा बनाकर अपने इष्ट देवताओं या फिर यह सब कुलदेवता को भोग अर्पित करके सपरिवार इसको प्रसाद के रूप में ग्रहण किया करते हैं.

नवाखाई त्यौहार को छत्तीसगढ़ के अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग तरीकों से भी मनाया जाता है जैसे कि बस्तर के आदिवासी इस त्यौहार को खेतों में उगने वाली धान की नई फसल की बालियों को तोड़कर उन्हें भुनने के बाद उसे कूटकर गुड़ और चिवड़ा उसमें मिलाकर अपने अन्नपूर्णा देवी और घर के देवी देवता व पूर्वजों को चढ़ाकर पूजा करने के बाद इसे पूरा परिवार प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.इसे ग्रहण करने के बाद में मांसाहार भोजन और मदिरा का भी सेवन किया जाता हैं. इस पर्व में घर के सारे लोग और रिश्तेदार चाहें वो जहाँ भी रहते हो अपने पुस्तैनी घर में इकट्ठा होते हैं.

त्यौहार के दूसरे दिन बासी तिहार मौज मस्ती, खाने पीने और आनंद का दिन और तीसरे दिन एक दूसरे के घर जाकर नवाखाई की बधाई और शुभकामनाएं देते हैं तो वहीं बड़ों का पांव छूकर आशीर्वाद लिया जाता हैं. नवाखाई त्यौहार में वैवाहिक रिश्तों को जोड़ने के लिए वर वधु की तलाश करना शुरू हो जाती हैं और अगर परिवार में विवाह योग्य युवक युवतियों के लिए रिश्ता तय हो जाने के बाद शुभ समय में विवाह का आयोजन किया जाता हैं.

Navakhai festival of Chhattisgarh | नवाखाई त्यौहार में कुड़ई पत्ते का महत्व :

आदिकाल से नवाखाई त्यौहारों के समय नई फसल से बनी भोग और पकवान को एक औषधीय पौधा कुड़ई के पत्ते में परोसकर खाने की परंपरा चली आ रही हैं खासकर हल्बा समुदाय में. कुड़ई के पत्ते पर खिचड़ी या फिर खीर के प्रसाद को खाने के बाद जूठन पत्तल को जमीन में गाड़ दिया जाता हैं मान्यता है कि साल में एक बार इस औषधीय पत्ते पर भोजन या पकवान ग्रहण करने पर कई शारिरिक समस्या खत्म हो जाती हैं.

नवाखाई का त्यौहार छत्तीसगढ़ का एक ऐसा त्यौहार है जो पंरपरा के रूप में मनाए जाने वाले इन त्यौहार में किसान बम्पर फसल और अच्छी बारिश के लिए आभार व्यक्त के रूप में देवताओं की पूजा करते हैं. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही हैं जिसे आज भी राज्य के हर क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण और किसानों द्वारा निभाया जा रहा है. ये त्यौहार रहवासियों को मिलन और भाईचारा का संदेश देती हैं और जिससे गांव की संस्कृति और परिवार के बीच एकता बनी रहती हैं. नवाखाई पर्व को ओडिशा में नुआखाई (Nuakhai) पर्व के नाम से मनाया जाता है.


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FAQ – सामान्य प्रश्न

नवाखाई त्यौहार किस राज्य का पारंपरिक त्यौहार हैं ?

छत्तीसगढ़.

नवाखाई त्यौहार का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?

नवा का अर्थ नया और खाई का अर्थ खाना.

नवाखाई किस फसल पर आधारित हैं ?

धान की नई बालियां आने पर नवाखाई मनाया जाता हैं.

नवाखाई त्यौहार में किस पौधे के पत्ते का इस्तेमाल होता हैं ?

कुड़ई पौधे के पत्ते. 

नवाखाई पर्व को और किस नाम से जाना जाता है?

वाखाई पर्व को ओडिशा में नुआखाई (Nuakhai) पर्व के नाम से मनाया जाता है.


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