Sukhkarta Dukhharta Ganesh Aarti PDF | सुखकर्ता दुखहर्ता गणेश आरती, PDF Download

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Sukhkarta Dukhharta Ganesh Aarti PDF | धार्मिक मान्यता के अनुसार कोई भी धार्मिक या फिर कोई भी मांगलिक अनुष्ठान शुरू करने से पहले भगवान गणेशजी की पूजा की जाती हैं ताकि शुभ कार्य में किसी तरह का बाधा नही आएं. हिन्दू धर्म में भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय देवता माने जाते हैं.मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ करता है तो गणेशजी उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. भगवान गणेश जी को मोदक, दूर्वा, पान और सिंदूर अति ही प्रिय हैं.

आइए पढ़ते हैं श्री गणेश की सुखकर्ता दुखहर्ता आरती और आप इसे PDF के रूप में डाउनलोड भी कर सकते हैं और अपने मोबाइल या लैपटॉप में रख सकते हैं और नियमित तौर पर इसे पढ़ सकते हैं लिंक नीचे दिया हुआ है वहां से आप उसे जरूर डाउनलोड कर ले.

Sukhkarta Dukhharta Ganesh Aarti PDF | सुखकर्ता दुखहर्ता गणेश आरती

Sukhkarta Dukhharta Ganesh Aarti PDF | सुखकर्ता दुखहर्ता गणेश आरती, PDF Download

श्री गणेश जी की सुखकर्ता दुखहर्ता आरती (Sukhkarta Dukhharta Ganesh Aarti – PDF Download) हिंदी PDF डाउनलोड करें, नीचे लिंक दिया हुआ है.

Sukhkarta Dukhharta Ganesh Aarti Lyrics in Hindi

” सुखकर्ता दुखहर्ता गणेश आरती “

सुखकर्ता दु:खहर्ता वार्ता विघ्नाची, नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची

सर्वागी सुंदर उटि शेंदुराची, कंठी झकके माल मुक्ताफबाांची

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्त ओ श्री मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मन : कामना पुरती जयदेव जयदेव ॥1॥

रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा, चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा

हिरेजड़ित मुकुट शोभतो बरा, रुणझुणती नूपुरे चरणी

घागरिया जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ती ओ श्री मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मन कामना पुरती जयदेव जयदेव ॥2॥

चरणीच्या घागरिया रुनझुन वाजती, तेणे नाचे देवा अंबर गर्जती

ता ता ठुमकत ठुमकत नाचे गणपती, शंकर पार्वती कौतुके पाहती,

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ती ओ श्री मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मन: कामना पुरती जयदेव जयदेव ॥3॥

लंबोदर पीतांबर फणिवरबंधना, सर सोंड वक़तुंड त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना, संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवरवंदना,

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ती ओ श्री मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मन: कामना पुरती जयदेव जयदेव ॥4 ॥


गणेश जी को आरती में लगाएं ये भोग:

श्री गणेश जी को आरती में भोग जरूर लगाएं. गणपति को मोदक सबसे प्र‍िय माने जाते हैं. इसके अलावा मोतीचूर का लड्डू, नारियल वाले चावल, पूरण पोली, केले का शीरा, हलवा आद‍ि का भोग भी लगा सकते हैं.


PDF NameSukhkarta Dukhharta Ganesh Aarti PDF
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श्री गणेश जी की सुखकर्ता दुखहर्ता आरती हिंदी में PDF डाउनलोड करें


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