Shani Sadesati | शनि देव की साढ़ेसाती चलने पर कौन सा काम नहीं करना चाहिए, ताकि भारी नुकसान से बचा जा सके.

Shani Sadesati

Shani Sadesati | हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता माने जाते हैं अच्छे कर्म करने वाले को अच्छा फल देते हैं वहीं बुरे कर्म करने वाले को दंड भी देते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनिदेव को ऐसे भगवान के रूप में पूजा जाता हैं जो यदि नाराज़ हो गए तो समस्याएं आने लगती हैं. अधिकांश लोग इन्हें प्रसन्न करने के उपाय ढूंढते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रह में से शनि एक ऐसा ग्रह जो सबसे क्रूर ग्रह माना गया है क्योंकि यह सबसे धीमे चाल चलने वाला ग्रह कहलाता है. शनि को सभी राशियों यानि कि 12(बारह) राशियों में घूमनें में लगभग 30 साल का समय लगता है यही कारण है कि शनि हर एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते है,इसलिए हर व्यक्ति को जीवन में एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैया का सामना करना पड़ता ही है.

Shani Sadesati | शनि देव की साढ़ेसाती चलने पर कौन से काम नहीं करना चाहिए :

अगर किसी की कुंडली में साढ़े साती का योग बनता है तो उसे शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ता है तो कभी जाने अनजाने में ऐसी गलती कर देते हैं जिनसे शनि देव नाराज हो सकते हैं. चलिए जानते हैं जिस किसी को शनि की साढ़े साती से गुजरना पड़े तो उन्हें कौन सा काम नहीं करना चाहिए –

1) शनिवार को देर तक नही सोएं –

अगर शनि की साढ़े साती से बचना है तो शनिवार की सुबह जल्दी उठ जाए, नित्य क्रिया से निर्वत्त होकर स्नान आदि करके विधिवत शनिदेव की पूजा करे और इसके अलावा पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाये और सरसों तेल का दीपक जलाएं ऐसा करना शुभ होता हैं.

2) काले रंग के कपड़े ना पहनें –

अगर शनि की साढ़े साती चल रही हो या फिर कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो जिसके वजह से बनते हुए काम भी बिगड़ रहे हो तो शनिवार के दिन कोई भी शुभ काम के लिए जाने पर काले रंग के कपड़े नही पहनना चाहिए क्योंकि काला रंग भगवान शनि को समर्पित हैं इसलिए शनिवार के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से अशुभ फल की प्राप्ति होती हैं.

3) शनिवार को मांस मदिरा का सेवन ना करें –

अगर कुंडली में साढ़ेसाती का प्रकोप हो तो मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए खासकर शनिवार के दिन तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि शनिवार के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए जिससे कि शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं.

4) कुत्ते को सताना नहीं चाहिए –

शास्त्रों के अनुसार शनिदेव का वाहन कुत्ते को माना गया है और अगर कुत्ते को सताया जाए तो साढ़े साठ का प्रकोप और भी बढ़ जाता हैं वैसे कुत्ते के अलावा दूसरे जानवरों को भी नहीं सताना चाहिए इसलिए शनिवार के दिन कुत्ते को रोटी खिलाना चाहिए क्योंकि इससे शुभ फल की प्राप्ति होती हैं. 

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FAQ – सामान्य प्रश्न

शनिदेव का वाहन क्या है ?

शनिदेव का वाहन कुत्ता है.


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