Why is the ocean salty? पौराणिक कथा में समुद्र का बहुत ही धार्मिक (Hindu Religion) महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के अलावा समुद्र का पानी खारा होने के पीछे भी कुछ रहस्य है क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार पहले समुद्र पानी दूध की तरह सफेद और मीठा था लेकिन वर्तमान में समुद्र का पानी का स्वरूप ऐसा नहीं है अब समुद्र पानी इतना खारा हो चुका है कि यह किसी भी के लिए पीने के योग्य नहीं है.
Why is sea water salty? आखिर किन कारण से समुद्र का पानी खारा हुआ.
जानते हैं उस पौराणिक कथा से जिससे जान सके कि आखिर किन कारण से समुद्र का पानी खारा हुआ. शिवमहापुराण के अनुसार हिमालय पुत्री पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या की थी और उनकी तपस्या में इतना तेज उत्पन्न हुआ कि तीनों लोक भयभीत हो गए और देवताओं के सिंहासन हिलने लगे तब सभी देवताओं ने इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए इसका उपाय ढूंढने लगे और किसी देवता की सलाह से सभी देवताओं ने भगवान शिव के पास मदद मांगने के लिए गए. एक तरफ तो सभी देवता गण देवी पार्वती की तपस्या से निकले तेज से घबरा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर समुद्र देव उस समय देवी पार्वती की खूबसूरती पर मोहित हो रहे थे और इस बात का इंतजार कर रहे थे कि कब देवी पार्वती की तपस्या पूरी हो और जैसे ही देवी पार्वती की तपस्या पूरी हुई वैसे ही समुद्र देव ने देवी पार्वती के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा.
समुद्र देव के द्वारा शादी का प्रस्ताव को सुनते हुए देवी पार्वती ने सम्मानपूर्वक समुद्र देव को जवाब देते हुए कहा कि वह भगवान शिव से प्रेम करती है और मन ही मन भगवान शिव को अपना पति मान चुकी है. देवी पार्वती के मुख से ऐसा सुनकर समुद्र देव बहुत ही क्रोधित हुए और इसी क्रोध में उन्होंने भगवान शिव को भला बुरा कहने लगे. समुद्र देव ने भगवान शिव का अपमान करते हुए कहा ” हे पार्वती ! शिव तो एक भस्माधारी आदिवासी है, उसमें आखिर क्या है जो मुझमें नहीं है, मैं पृथ्वी में मौजूद सारे जीव जंतुओं की प्यास बुझाता हूं और मेरा चरित्र भी दूध की तरह सफेद है इससे बढ़कर तुम्हें और क्या चाहिए तुम उस भस्माधारी आदिवासी को छोड़कर मुझसे विवाह का विचार करते हुए मेरा विवाह का प्रस्ताव स्वीकार करो.
समुद्र देव के मुख से भगवान शिव (Shivji) के लिए ऐसे अपमानित शब्दों को सुनने के बाद देवी पार्वती बहुत ही क्रोधित हो गई और इस क्रोध के चलते देवी पार्वती ने समुद्र देव को श्राप देते हुए बोली “आज जिस मीठे पानी पर तुम इतना घमंड कर रहे हो तुम्हारा वही मीठा पानी अब खारा हो जाएगा और तुम्हारे इस खारे पानी को कोई भी मनुष्य और जीव जंतु नहीं पी पाएगा.” देवी पार्वती के द्वारा समुंद्र देव को दिए गए इसी श्राप के कारण से ही समुद्र पानी हमेशा हमेशा के लिए खारा हो गया और इसी खारेपन के कारण समुद्र का पानी को कोई भी नहीं पी सकता.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) समुद्र का पानी किस देवी के श्राप से खारा हुआ है ?
देवी पार्वती.
2) देवी पार्वती किनको पाने के लिए कठिन तपस्या कर रही थी ?
भगवान शिव.
3) समुद्र देव ने किसके समक्ष अपनी शादी का प्रस्ताव रखा था ?
देवी पार्वती.
4) देवी पार्वती किन की पुत्री थी ?
हिमालय राज.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.