श्री हनुमान चालीसा पाठ (Hanuman Chalisa) PDF Download – In Hindi

Hanuman Chalisa pdf

Hanuman Chalisa PDF | संकट मोचन श्री हनुमान जी की कृपा सभी भक्तों पर होती है उसके सारे कार्य बिना किसी बाधा के बनते हैं. भगवान राम के परम भक्त श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करने से साधक को हनुमान जी की असीम कृपा प्राप्त होती है अगर आप प्रतिदिन ना कर सके तो मंगलवार और शनिवार को अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह दोनों ही दिन हनुमान जी को समर्पित होता है. हनुमान चालीसा के PDF को आप डाउनलोड कर अपने मोबाइल या लैपटॉप में रख सकते हैं और नियमित तौर पर इसे पढ़ सकते हैं लिंक नीचे दिया हुआ है वहां से आप उसे जरूर डाउनलोड कर ले.

Hanuman Chalisa PDF | श्री हनुमान चालीसा – पूजन विधि

श्री हनुमान जी की नित्य पूजा में साधक शुद्ध वस्त्र (यथा संभव लाल) पहनकर पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके बैठे। हनुमान जी की पूजा लाल रंग के फूल, फल, धूप, दीप, सिंदूर आदि चीजों से करें। इस समय हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। अगर समय है, तो सुंदर काण्ड का पाठ अवश्य करें। अंत में आरती अर्चना कर सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति की कामना करें।

Hanuman Chalisa PDF | हनुमान चालीसा पाठ


Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

श्री हनुमान चालीसा पाठ (Hanuman Chalisa) PDF Download - In Hindi

श्री हनुमान चालीसा पाठ (Hanuman Chalisa Hindi- PDF Download) हिंदी PDF डाउनलोड करें, नीचे लिंक दिया हुआ है.

| | दोहा | |

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि।

बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।


|| चौपाई ||

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।

शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।

बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।

जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।

और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।

साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।

अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।


| | दोहा | |

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।


PDF NameHanuman Chalisa PDF
No. of Pages10
Page Contentपूजा विधि, हनुमान चालीसा पाठ, बजरंग बाण, आरती

श्री हनुमान चालीसा पाठ – हिंदी में PDF डाउनलोड करें


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