Shiv ji | आखिर क्यों पहनते है भगवान शंकर शेर की खाल ? जाने क्या है इस रहस्य के पीछे की पौराणिक कथा

Shiv ji | पुराणों के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शंकर) यह तीनों ने सृष्टि में रचना, संचालन और संहार का कार्य संभाला हुआ है लेकिन भगवान शंकर सभी देवी देवताओं से अलग है खासकर इनका रौद्र और सौम्य रूप दोनों ही सुप्रसिद्ध है. सबसे ज्यादा भगवान शंकर की रूप को देखा जाय जिनका वर्णन ग्रंथों में किया गया है कि वो गले में सर्पों की माला पहनें हुए, जटा से निकलते गंगा की धारा है. पूरे शरीर में भस्म लगाए हुए और शेर की खाल पहनते  हैं.

Shiv ji | भगवान शंकर क्यों पहनते है शेर की खाल

शिव पुराण के अनुसार एक बार भगवान शंकर ब्रह्मांड भ्रमण को निकले और चलते चलते एक जंगल से गुजर रहे थे जिस जंगल से भगवान शंकर जा रहे थे उस जंगल में ऋषि मुनि का परिवार रहता था, भोले शंकर को इस बात का अहसास नहीं था कि वे बिना कोई वस्त्र धारण किये ही जंगल से गुजर रहे हैं. भगवान शंकर को ऐसे बिना वस्त्र के आकर्षण छवि को देखकर ऋषि मुनि की धर्मपत्नियॉ उनकी तरफ आकर्षित होने लगीं और उन्हें एकटक से निहारने लगी.लेकिन जब इस ओर ऋषि मुनियों का ध्यान गया तो वे काफी क्रोधित हो गए ये सोचकर कि उनकी पत्नियां मार्ग से भटक रही है और ऋषि मुनियों ने क्रोध के आवेश में आकर भगवान शंकर को दण्ड देने का प्रण लिया.

दण्ड देने के लिए ऋषि मुनियों ने भगवान शंकर के राह में एक बड़ा सा गड्डा खोद दिया और उस गड्ढे में एक शेर को भी छोड़ दिया ताकि वो शंकर भगवान को अपना शिकार बना लें और जब भगवान शंकर उस रास्ते से गुजरे तो वो उस गड्ढे में गिर गए चूंकि उस गड्ढे में पहले से शेर मौजूद था जिसने भगवान शंकर पर हमला कर दिया लेकिन भोले शंकर ने शेर को मार डाला और उस मरे हुए शेर की खाल को वस्त्र बनाकर धारण कर लिया और गड्ढे से बाहर निकल आये, ऋषि मुनियों ने जब भगवान शंकर (Shiv ji) को इस रूप में देखा तो वे अचंभित हुए और उन्हें यह एहसास हुआ कि ये कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि साक्षात देवों के देव महादेवी है इसके बाद सभी ऋषि मुनियों ने भगवान शंकर से अपनी गलती की माफी मांगी और उनकी पूजा अर्चना भी किया. 


FAQ – सामान्य प्रश्न

भगवान शंकर को और किन नामों से जाना जाता है ?

भोलेनाथ, देवों के देव महादेव, शिव


Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.