इस साल 2023 में भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्तों के पास एक नही बल्कि दो महीने का समय मिलेगा. दरसअल, हिन्दू पंचाग के अनुसार 2023,13 महीने का होगा ना कि12 महीना का होगा. इस बार यानि 2023 में सावन का महीना दो महीने का होगा क्योंकि इस साल अधिक मास रहेगा जिसे हिंदू धर्म ग्रंथो में मलमास कहा जाता है. इस साल मलमास के कारण दो महीने का सावन मास होने वाला हैं,19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है.
Adhik Maas (अधिक मास) में कोई भी शुभ कार्य नहीं
हिन्दू कैलेंडर में हर तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त माह प्राकट्य होता है जिसे अधिक मास (Adhik Maas), मलमास या पुरुषोत्तम मास के नाम से नांम से जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य राशि बदलते हुए एक राशि से दूसरे राशि मे प्रवेश करता हैं तो उसे संक्रांति कहते हैं. सौर मास में 12 संक्रांति और 12 राशियां होती है लेकिन जिस माह में संक्रांति नहीं होती है, तब अधिक मास (Adhik Maas), पुरूषोतम मास या मलमास होता है और इस अधिक मास, पुरूषोतम मास या मलमास में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होते है क्योंकि यह मास मलिन होता है इसलिए इसे मलमास कहते हैं.
कब से कब तक रहेगा मलमास :
हिन्दू पंचाग के अनुसार इस साल 2023 में 18 जुलाई 2023 से 16 अगस्त 2023 तक मलमास रहेगा. मलमास हर 32 महीने और 16 दिन के बाद पड़ता है अर्थात मलमास हर तीसरे साल आता है।
मलमास का महत्व :
साल में अधिक माह होने के कारण अधिक मास (Adhik Maas) पड़ता है और ये अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है इसलिए इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता हैं. मलमास में ग्रह शांति, दान-पुण्य, तीर्थ यात्रा ,विष्णु मंत्रों का जाप करना चाहिए इससे मलमास के अशुभ फल खत्म हो जाते हैं और पुण्य फल प्राप्त होते हैं. मान्यता है कि मलमास में भगवान विष्णु की पूजा करने वाले साधकों को भगवान विष्णु स्वंय आशीर्वाद देते हैं, उनके पापों का शमन करते है और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.
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