Geeta Updesh | जब मनुष्य को चारों ओर से दुःख, परेशानी और निराशा दिखाई देने लगती है तो उसे श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ने के लिए कहा जाता हैं धार्मिक मान्यता है कि श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन से जुड़े ऐसे जटिल रहस्य छिपा हुआ है और जो मनुष्य इसको भलीभांति पढ़कर अपने जीवन में अपनाता है उसे किसी भी तरह का दुख – दर्द और परेशानी नहीं सताता है. महाभारत काल में गीता के उपदेश जितने प्रासंगिक थे उतना ही कलयुग अर्थात आज भी हैं क्योंकि यह मनुष्य के मार्गदर्शन का कार्य करते हैं. ऐसे में अगर कोई मनुष्य अपने जीवन में दुःख- दर्द और परेशानियों से गुजर रहा है तो उसे श्रीमद्भगवद्गीता के इन उपदेशों को अवश्य याद रखना चाहिए. गीता में बताए गए यह उपदेश न केवल मनुष्य को मुसीबतों से निकालने का कार्य करते हैं बल्कि जीवन में आशा की नई किरण भी बनकर आती हैं.
जानते हैं गीता के यह उपदेश जो परेशानी में आशा की किरण बनकर आती हैं :
1) श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार, जीवन में सफल होने के लिए मनुष्य को सपनें देखने चाहिए. मनुष्य का जीवन जैसा भी हो उसको सदैव बड़े सपनें देखने चाहिए क्योंकि मनुष्य जब सपनें देखता है तो उसे पूरा करने का कोशिश भी करता है और ऐसे में जब मनुष्य के सपनें बड़े होंगे तो उसे पूरा करने के लिए मनुष्य हमेशा कोशिश करता रहेगा.
2) गीता उपदेश देते हुए भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि बदलाव होना प्रकृति का नियम है. ऐसे में मनुष्य को सफलता प्राप्त करने के लिए समयानुसार अपने आप में बदलाव लाते रहना चाहिए. जो मनुष्य वक़्त के साथ – साथ चलता है वह कभी परेशान और निराश नहीं हो सकता है और ऐसे मनुष्य अपने कार्य में एक न एक दिन अवश्य सफल होता हैं.
3) श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार इस संसार में कुछ भी स्थायी नहीं है अगर जीवन में दुःख हैं तो सुख भी एक दिन अवश्य मिलेगा.मनुष्य अगर किसी काम में आज असफल हो गए हैं तो उस काम को बंद नहीं करना चाहिए क्योंकि कर्म करते रहने से सफलता एक न एक दिन अवश्य मिलती हैं इसलिए जीवन में जितना भी बुरा समय क्यों न आ जाएं मनुष्य को अपना कर्म करते रहना चाहिए.
4) गीता उपदेश के अनुसार मनुष्य के हर समस्या और परेशानी की जड़ उसका क्रोध होता है इसलिए मनुष्य को हमेशा क्रोध पर नियंत्रण करना चाहिए क्योंकि जो मनुष्य अपने क्रोध पर नियंत्रण कर लेता है उसे जीवन में किसी भी तरह की समस्या और परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता हैं.
5) श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार जिस मनुष्य में सहनशीलता और माफ करने का गुण होता हैं वह कभी भी दुःखी और निराश नही होता है क्योंकि जिस मनुष्य में माफ करने का गुण होता है वह कभी भी फिजूल की बातों में चिंतित नहीं होता है और यह गुण दुश्मनी के भाव को समाप्त करने का कार्य करती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) गीता का उपदेश किस ग्रँथ में उल्लेख किया गया है ?
श्रीमद्भगवद्गीता.
2) गीता का उपदेश किसने किसको दिया है ?
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को.
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