Nandi Baba | सावन में नंदी के कानों में ऐसे बोले अपनी मनोकामना, जिससे पूरी हो जाएं हर मनोकामना, जानेंगे कान में मनोकामना कहने के क्या है नियम.

lord shiva and nandi

Nandi Baba | भगवान शंकर का प्रिय महीना सावन में शिवभक्त अपने आराध्य (शंकर जी) को प्रसन्न करने के लिए पूरे सावन महीने पूजा अर्चना किया करते हैं कई सारे भक्त शंकरजी के मंदिर भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने जाते हैं तो वहां शिवालय में सबसे पहले दर्शन अगर किसी के होते हैं तो वो है भगवान शंकर के प्रिय वाहन नंदी के. शंकरजी के हर मंदिर में द्वारपाल के रूप में नंदी हमेशा विराजमान रहते हैं मान्यता है कि नंदी की पूजा किए बिना शंकरजी की पूजा अधूरी मानी जाती हैं. अक्सर कुछ भक्त शिवलिंग के सामने बैठे नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहा करते हैं  माना जाता है कि नंदी के कान में मनोकामना बोलने से मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती हैं लेकिन कभी कभी किसी के साथ ऐसा नहीं होता हैं तो जान लेते हैं नंदी के कान में मनोकामना कहने के सही नियम को .

Nandi Baba | पहले जान लेते हैं कि आखिर क्यों बोला जाता हैं नंदी के कान में मनोकामना :-

शंकर भगवान के मंदिर में भक्त शिवलिंग के दर्शन और उनकी पूजा अर्चना करने के बाद वहां शंकरजी के सामने विराजित नंदी की मूर्ति के भी दर्शन करके पूजा किया करते हैं और अंत में उनके कान में अपनी मनोकामना बोलते हैं. मान्यता है कि शंकरजी ज्यादातर समय तपस्या ही करते रहते हैं यानि कि तपस्या में लीन रहते हैं शंकरजी की तपस्या में विध्न न पड़े इसलिए नंदी हर वक़्त उनकी सेवा में द्वारपाल के समान तैनात रहते हैं जो भी भक्त भगवान शंकर के पास अपनी समस्या को लेकर जाते हैं तो नंदी उन्हें वहीं रोक देते हैं ताकि बाहरी विध्न से शंकरजी की तपस्या भंग न हो इसी कारण भक्तगण अपनी बात नंदी के कान में कहते हैं जिससे कि नंदी से कहीं गई बात शंकरजी तक पहुंच जाएं कहा जाता है कि स्वयं भगवान शंकर जी ने नंदी को यह वरदान दिया था कि जो भी भक्त तुम्हारे कान में आकर अपनी मनोकामना बोलेगा उस भक्त की सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होगी.

Nandi Baba | जानते हैं कान में मनोकामना कहने के क्या है नियम :-

नंदी के कान में मनोकामना कहने के कुछ नियम होते हैं तो चलिए जानते हैं इन नियमों को :

1) कोई भी कैसी भी मनोकामना हो कहने से पहले नंदी की पूजा जरूर करनी चाहिए.

2) नंदी के कान में मनोकामना बोलते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो भी मनोकामना बोले कोई और न सुन पाए.

3) नंदी के कान में मनोकामना बोलते समय ध्यान रखना चाहिए कि मनोकामना बाएं कान में बोले क्योंकि इसमें मनोकामना बोलना बहुत शुभ माना जाता हैं वैसे किसी भी कान में बोला जा सकता है.

4) मनोकामना बोलते समय अपने होंठों को दोंनो हाथों से ढक लेना चाहिए जिससे कि कोई अन्य मनोकामना बोलते समय आपको न देखें.

5) नंदी के कान में कभी भी किसी दूसरे की बुराई या फिर दूसरे का बुरा होने की बात नहीं बोलना चाहिए.

6) नंदी को मनोकामना बोलने के बाद उनके सामने फल ,प्रसाद या फिर धन जरूर अर्पित करें.

7) नंदी को मनोकामना बोलने के बाद ” नंदी बाबा हमारी मनोकामना पूर्ण करो ” ऐसा अवश्य बोलें.


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FAQ – सामान्य प्रश्न

नंदी भगवान शंकर के क्या कहलाते हैं ?

द्वारपाल.

नंदी के किस कान में मनोकामना बोलना चाहिए ?

बाएं कान में. 


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