Ganesh Visarjan 2025 | हिंदू धर्म में गणेश पूजा का विशेष महत्व होता है कोई भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा है इसके साथ ही भगवान गणेश को बुद्धि प्रदाता भी कहा जाता है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को घरों में गणेशजी को विराजित करके चतुदर्शी को उनकी मूर्ति का विसर्जन किया जाता हैं. शास्त्रों में गणेश जी की पूजा के साथ उनकी विसर्जन का भी बहुत ही महत्व होता है और इस पूजन में भगवान गणेश जी की मिट्टी की मूर्तियों को जल निकाय में विसर्जन किया जाता है जो की गणेशजी की अपने घर वापसी यानी कि कैलाश पर्वत पर प्रस्थान करने का प्रतीक होता है. माना जाता है कि हिंदू परिवार में भगवान गणेश केवल भगवान ही नहीं बल्कि परिवार में एक सदस्य के रूप में होते हैं जो हर साल अपने भक्तों के घर कुछ दिन ठहरते हैं और फिर वापस अपने घर को चले जाते है. गणेश चतुर्थी के दिन घरों में विराजित गणेशजी की मूर्ति की विदाई अनंत चतुर्दशी को होती हैं मान्यता है कि विदाई के समय भगवान गणेश अपने साथ सभी प्रकार के विध्न भी लेकर चले जाते हैं.
साल 2025 में गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त :
हिन्दू पंचाग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को गणेश विसर्जन किया जाता हैं और इस साल कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी 06 सितंबर 2025 दिन शनिवार की सुबह 03 बजकर 12 मिनट से लेकर 07 सितंबर 2025 दिन रविवार की सुबह 01 बजकर 41मिनट तक.
साल 2025 में गणेश विसर्जन 06 सितंबर 2025 दिन शनिवार को किया जाएगा.
गणेश विसर्जन 2025 का शुभ मुहूर्त :
06 सितंबर 2025 दिन शनिवार की सुबह 07 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 10 मिनट तक.
अपराह्व को मूर्ति विसर्जन का शुभ मुहूर्त : 06 सितंबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम के 05 बजकर 02 मिनट तक.
शाम को मूर्ति विसर्जन का शुभ मुहूर्त : 06 सितंबर 2025 की शाम 06 बजकर 37 मिनट से लेकर रात्रि के 08 बजकर 03 मिनट तक.
रात्रि को मूर्ति विसर्जन का शुभ मुहूर्त : 06 सितंबर 2025 की रात्रि 09 बजकर 28 मिनट से लेकर 07 सितंबर 2025 की सुबह 01 बजकर 45 मिनट तक.
गणेश विसर्जन की पूजा विधि :
1) चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन करने से पहले सुबह उठकर स्नान करें और साफ स्वच्छ वस्त्र को धारण करें.
2) भगवान गणेश जी की मूर्ति को विसर्जन करने से पहले उसी तरह से पूजा करनी है जैसे की गणेश चतुर्थी से लेकर अब तक करते आए हैं और उनके प्रिय चीजें दूर्वा, हल्दी, कुमकुम, माला नारियल और अक्षत को अर्पित करें.
3) इसके बाद भगवान गणेश को मोदक, लड्डू का भोग लगाने के बाद धूप दीपक जलाकर ॐ गं गणपतये नमः का जाप करें.
4) गणेश अथवरशीर्ष का पाठ करके उनसे प्रार्थना करें कि घर में सुख शांति बनाए रखें.
5) गणेश जी को नए वस्त्र पहनाकर उसमें पंचमेवा सुपारी, लड्डू और कुछ धन को बांध दें और फिर इसके बाद हवन करें हो सके तो हवन सामग्री में काली मिर्च और जीरा डालकर हवन करें मान्यता है कि यह धन दायक होता है.
6) हवन करने के बाद गणेश जी की आरती करें और फिर दोनों हाथ जोड़कर गणेश जी से प्रार्थना कर ले कि अगर दस दिनों की पूजा के समय जो भी भूल चूक या फिर गलती हुई है उसके लिए क्षमा कर दें.
7) गणेशजी से श्रद्धा पूर्वक अपने स्थान को विदा होने की प्रार्थना करें इसके बाद पहले मूर्ति को प्रणाम करके चरण स्पर्श करें फिर आज्ञा लेकर श्रद्धा के साथ मूर्ति को उठाएं.
8) अब सभी गणपति बप्पा मोरिया के नारे लगाते हुए गणेश जी की मूर्ति को अपने सिर या फिर कंधे पर रखकर जयकारे साथ घर से विदा करने के लिए विसर्जन स्थान पर ले जाएं.
9) विसर्जन के स्थान पर ध्यान रखें की गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन करने से पहले कपूर से उनकी आरती करें इनके बाद खुशी के साथ उनकों विदा करें.
10) गणेश जी को विदा करते समय उनको अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करने के साथ ही भूल चुक के लिए माफी मांग ले और साथ ही सारे वस्त्र और पूजन सामग्री को भी आदर के साथ प्रवाहित करें.
घर में गणेश विसर्जन कैसे करें :
एक बड़े साफ़ बर्तन में जल को भर लें और उसमें गंगाजल को मिलाकर पवित्र करने के बाद जल को स्पर्श करके गंगा, जमुना, सरस्वती, नर्मदा, कावेरी और सिंधु नदी का ध्यान कर ले इसके बाद गणेश जी की मूर्ति को जल में धीमे धीमें रखें इसके साथ ही मंत्र ॐश्री गणेशाय नमः को बोलते जाएं और इसमें हाथों से जल डालें अब मूर्ति को गलने के लिए छोड़ दें और जब मूर्ति गल जाए तो इसकी मिट्टी को किसी गमले में डालकर कोई पवित्र पौधा लगा दे लेकिन ध्यान रखें कि गमले को ऐसी जगह पर रखें जहां पर किसी का पैर न लगें.
गणेश विसर्जन के महत्व :
जब घरों में गणेश जी की मूर्ति लाते हैं और प्राण प्रतिष्ठा किया जाता है तो मंत्रों के द्वारा से गणेश जी का आह्वान किया जाता है किंतु हिंदू मान्यता के अनुसार जो भी पृथ्वी लोक पर आया है या फिर इस ग्रह पर जन्म लिया है उसका जाना भी जरूरी है गणेश विसर्जन इसी जन्म मृत्यु के चक्र का प्रतीक है. अनुष्ठान के आधार पर तीसरे, पांचवें, सातवें दिन और ग्यारहवें दिन गणेश विसर्जन में भगवान गणेश की मूर्ति की विदाई की जाती है और उसे जल में विसर्जित कर दिया जाता है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) गणेश चतुर्थी में विराजित गणेशजी की मूर्ति का विसर्जन कब किया जाता हैं ?
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को.
2) गणेशजी की पूजा में किस मंत्र का जाप करना चाहिए ?
ॐ गं गणपतये नमः.
3) साल 2025 में गणेश विसर्जन कब किया जाएगा ?
06 सितंबर 2025 दिन शनिवार.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.