Basant Panchami 2025 | हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्यौहारों को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है इन्हीं त्यौहारों में बसंत पंचमी का भी विशेष महत्व होता है इस दिन विद्या की देवी सरस्वती माता की पूजा अर्चना की जाती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन माता सरस्वती का अवतरण हुआ था और हिन्दू धर्म में माता सरस्वती को ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी कहा जाता हैं यही कारण है कि इस दिन माँ सरस्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से विद्या और प्रखर बुद्धि का वरदान प्राप्त होता हैं. यह दिन छात्रों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है कहा जाता हैं कि जो भी विद्यार्थी बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अर्चना करता है उस पर माता सरस्वती अपना आशीर्वाद बनाये रखती हैं.
जानते हैं कि साल 2025 में बसंत पंचमी कब मनाई जाएगी :
हिन्दू पंचाग के अनुसार बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती हैं और साल 2025 की माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत होगी 02 फरवरी 2025 रविवार की सुबह 09 बजकर 15 मिनट से लेकर दूसरे दिन 03 फरवरी 2025 सोमवार की सुबह 06 बजकर 50 मिनट तक.
सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य होती हैं तो ऐसे में बसंत पंचमी 02 फरवरी 2025 दिन रविवार को धूमधाम से मनाई जाएगी.
जानते हैं कि बसंत पंचमी 2025 पूजा की शुभ मुहूर्त को :
बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 02 फरवरी 2025 दिन रविवार की सुबह 09 बजकर 16 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा और इस शुभ मुहूर्त में सरस्वती जी की पूजा की जाएगी.
बसंत पंचमी की पूजा विधि :
बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है जिसकी पूजा विधि इस प्रकार से हैं :
1) बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करने से पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर साफ स्वच्छ वस्त्र धारण करें, हो सके तो पीले रंग के वस्त्र धारण करें क्योंकि माँ सरस्वती की पूजन में पीले रंग का वस्त्र शुभ माना जाता हैं.
2) ईशान कोण में एक चौकी पर पीला कपड़ा रखकर माँ सरस्वती की मूर्ति को स्थापित करें और माँ को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें.
3) अब रोली, चंदन, हल्दी, केसर, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षत अर्पित करें.
4) इसके पश्चात पूजा स्थान पर किताब और छोटा वाद्य यंत्र को स्थापित करके इनकी उपासना करें.
5) अब माँ सरस्वती के इस लघु मंत्र ” ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः ” का जाप करें और अंत में आरती अवश्य करें.
6) विधार्थी हो सकें तो इस दिन माँ सरस्वती के लिए व्रत रखें.
जानते हैं बसंत पंचमी के महत्व को :
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती हैं और यह दिन सभी शुभ कार्यों के लिए बहुत ही शुभ मानी गई हैं. इस दिन माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सरस्वती स्त्रोत का पाठ करना चाहिए मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण बिना किसी मुहूर्त के नए कार्य की शुरुआत उत्तम मानी जाती हैं. इस दिन पीले वस्त्र धारण करने और दान करने का विशेष महत्व माना गया है. बसंत पंचमी के दिन कई जगह माता सरस्वती के साथ भगवान विष्णु की भी पूजन किया जाता हैं और इस दिन भोग में खिचड़ी और पीले चावल का भोग लगाया जाता हैं कहा जाता हैं कि बसंत पंचमी के दिन से ही ठंड कम होने के साथ ही वातावरण अनुकूल बनने लगता है.
बसंत पंचमी का दिन माता सरस्वती को समर्पित होता है इसलिए इस दिन भूलकर भी कलम, कागज और शिक्षा से जुड़ी चीजों का अपमान नहीं करना चाहिए.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1 ) हिंदू पंचाग के अनुसार बसंत पंचमी कब मनाई जाती हैं ?
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को.
2) बसंत पंचमी किस देवी को समर्पित है?
माँ सरस्वती.
3) माँ सरस्वती कौन सी देवी कही जाती हैं ?
ज्ञान, बुद्धि और कला की.
4) साल 2025 में बसंत पंचमी कब मनाई जाएगी ?
02 फरवरी 2025 दिन रविवार.
5) माता सरस्वती की पूजा में किस रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए?
पीला रंग.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.