Maihar Mata Mandir | मध्य प्रदेश में ऐसे तो बहुत से मंदिर है लेकिन आज जानेंगे सतना जिले में बसे मैहर माता मंदिर के बारे में जिनको लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं और जो रहस्य से भरे हुए हैं. सतना जिले में मैहर मंदिर की कहानी और रहस्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए अनसुलझी पहेली है क्योंकि आज भी मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मंदिर से आरती होने और घंटी की आवाज सुनाई देती है. कहा जाता है कि मंदिर के कपाट बंद होने के बाद और सुबह मंदिर के कपाट खुलने से पहले कोई पूजा करते हैं इसके साथ यह भी दावा किया गया है कि आज तक इनको कोई देख नहीं पाया और जो गलती से देख लेता है तो वह जिंदा नहीं बचता है.
Maihar Mata Mandir | जानते हैं कि मैहर मंदिर कहां बसा है और इस मंदिर की क्या खासियत है :
मध्य प्रदेश के सतना जिले में मैहर माता शारदा का सुप्रसिद्ध मंदिर विंध्य पर्वत की श्रेणियों के बीच त्रिकुट पर्वत पर स्थित है. यहां माता का दर्शन पाने के लिए करीब 1,063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है इसके अलावा वर्तमान में रोपवे के माध्यम से भी श्रद्धालु मां के दरबार तक पहुंचाते हैं मान्यता है की माता सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है. सतना का मैहर मंदिर मां शारदा का देश में इकलौता मंदिर है इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि शाम की आरती होने के बाद जब मंदिर के कपाट बंद करके सभी पुजारी नीचे आते हैं तब भी यहां मंदिर के अंदर से घंटी और पूजा करने की आवाज आती है लोगों का मानना है की मां के भक्त आल्हा आज भी पूजा करने मंदिर में आते हैं अक्सर सुबह की आरती आल्हा ही करते हैं और रोज मंदिर के पट खुलते हैं तब कुछ ना कुछ रहस्यमय अजूबे के दर्शन होते हैं कई बार मंदिर के अंदर से अद्भुत खुशबू आती है तो कई बार मां की मूर्ति के ऊपर अद्भुत फूल चढ़ा हुआ मिलता है. मैहर मंदिर के महंत पंडित जी बताते हैं कि आज भी माता का पहला श्रृंगार आल्हा ही करते हैं और आज भी ब्रह्म मुहूर्त में मां शारदा का श्रृंगार और पूजा की हुई मिलती है.
इस रहस्यमय पहेली को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों ने बहुत कोशिश की पर वह इस बात का पता नहीं लग पाया कि आखिर यह कैसे होता है. अगर कोई मंदिर में रात को ठहर कर इस रहस्य को जानना चाहता है तो उसकी मृत्यु हो जाती है.
Maihar Mata Mandir | आइए जानते हैं कि कौन थे आल्हा :
बुंदेलखंड में आल्हा और ऊदल नाम के दो भाई रहा करते थे कहा जाता है कि दोनों भाइयों ने ही सबसे पहले जंगलों के बीच शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी मान्यता है कि आल्हा ने माता शारदा की 12 साल कठोर तपस्या की थी जिससे माँ आल्हा की तपस्या से खुश होकर उनको अमरता का वरदान दिया था. कहा जाता है कि आज भी आल्हा ऊदल घोड़े पर सवार होकर सबसे पहले मंदिर पहुंचने हैं और माता की पूजा आरती किया करते हैं. ऐसे कई प्रमाण मिलते हैं जिससे यह सिद्ध हो जाता है कि रोजाना कोई शक्ति माता के मंदिर में प्रवेश करती है और पूजा करती है लेकिन आज तक इन दोनों को किसी ने नहीं देखा सका. मां शारदा देवी के मंदिर के नजदीक ही आल्हा की कुलदेवी फूलमती माता का मंदिर है ऐसी मान्यता है कि आज भी हर दिन ब्रह्म मुहूर्त में आल्हा खुद आकर माता की पूजा अर्चना किया करते हैं. मां के मंदिर की तलहटी में आज भी भक्तों के लिए आल्हा देव की खड़ाऊ और तलवार रखी गई हैं.
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Maihar Mata Mandir | आइए जानते हैं कैसे पड़ा ” मैहर ” नाम :
मैहर का मतलब है मां का हार. पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव के तांडव नृत्य के दौरान उनके कंधे पर रख माता सती के शव से गले का हार त्रिकूट पर्वत के शिखर पर गिरा था इसी वजह से यह स्थान माता के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और इसी कारण से यह स्थान शक्तिपीठ और नाम माई का हार के आधार पर मैहर के रूप में प्रचलित हो गया.
History of Maihar Mata Mandir | आइए जानते हैं मंदिर के इतिहास को :
विंध्य पर्वत श्रेणियां के मध्य त्रिकूट पर्वत पर स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता हैं कि मां शारदा की पहली पूजा आदि गुरु शंकराचार्य ने 9वीं – 10वीं शताब्दी की थी. मैहर पर्वत का नाम प्राचीन धर्म ग्रंथ महेंद्र में मिलता है जिसका वर्णन भारत के अन्य पर्वतों के साथ पुराणों में भी मिलता हैं. मां शारदा की मूर्ति के ठीक नीचे ना पढ़ पाए शिलालेख भी है जिनमें कई पहेलियां को समेटा हुआ है. सन 1922 में जैन दर्शनार्थियों की प्रेरणा से तत्कालीन महाराजा बृजनाथ सिंह जूदेव ने शारदा मंदिर परिसर में जीव बलि पर रोक लगा दिया था.
How to Reach Maihar Mata Mandir, Satna | आइए जानते हैं मैहर कैसे पहुंचे :
मैहर पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और वायु मार्ग के द्वारा जा सकते हैं. मैहर शहर सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है मंदिर तक पहुंचाने के लिए नियमित रूप से बसें, टैक्सी या फिर ऑटो आसानी से मिल जाएंगे. रेल माध्यम से जाने के लिए आपको निकटतम रेलवे स्टेशन मैहर रेलवे स्टेशन है जो मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर दूर है और निकटतम हवाई अड्डा खजुराहो है जो की मंदिर से लगभग 134 किलोमीटर दूरी पर है.
आप मध्य प्रदेश के निवासी हो या दूसरे राज्य प्रांत के हो तो मैहर मां शारदा मंदिर आप जरूर जाएं जहां आपकी सभी मनोकामना माता रानी पूरी करेंगी.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
मैहर किस राज्य में आता है ?
मध्य प्रदेश.
मैहर में किस माता रानी का मंदिर है ?
माता शारदा
माता सती के गले का हार कहां गिरा था ?
विंध्य पर्वत के शिखर पर.
मैहर माता शारदा का मंदिर कहां स्थित हैं ?
विंध्य पर्वत की श्रेणियों के बीच त्रिकुट पर्वत पर्वत पर.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.